भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले वनडे मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारत के एम एस धोनी ने अर्धशतक लगाया। लेकिन धोनी का ये अर्धशतक भी भारत को जीत नहीं दिला सका और अब धोनी को काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ रही हैं। इसकी वजह धोनी की बेहद धीमी बल्लेबाजी है। धोनी ने 96 गेंदों में 3 चौकों, 1 छक्के की मदद से 51 रनों की पारी खेली। इस दौरान धोनी का स्ट्राइक रेट महज 53.13 का रहा। भारत के पूर्व खिलाड़ी अजीत अगरकर ने धोनी की धीमी बल्लेबाजी पर सवाल उठाए हैं और दावा किया कि धोनी की जरूरत से ज्यादा धीमी बल्लेबाजी के कारण दूसरे छोर पर मौजूद रोहित शर्मा पर दबाव बढ़ा।
ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत में अगरकर ने कहा, ‘जब टीम 4 रन पर 3 विकेट खो दे तो आपको ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत होती है जो टिक सकें। कोई भी बल्लेबाज ऐसे हालातों में 25-30 गेंदें सेट होने के लिए ले सकता है। लेकिन एक बार टिकने के बाद बल्लेबाजों को रन रेट बढ़ाने की तरफ ध्यान देना चाहिए।’
अगरकर ने आगे कहा, ‘रोहित को दूसरे छोर पर सपोर्ट की जरूरत थी। उन्हें ऐसे खिलाड़ी की जरूरत नहीं थी जो 100 गेंदों में सिर्फ 50 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में 100 गेंदें बहुत ज्यादा होती हैं।’
अगरकर ने कहा, ‘जब टीम की हालत खराब थी तो शुरुआत में धीमे खलने की जरूरत थी। क्योंकि टीम दबाव में थी और बल्लेबाजों को विकेट फेंकने से बचना था। लेकिन टिकने के बाद आपको समय की मांग के मुताबिक खेलना चाहिए थे। लेकिन अगर आप उस हिसाब से नहीं खेल पा रहे हैं तो आपको ये सोचने की जरूरत है कि क्या वो बल्लेबाज ठीक है या नहीं। धोनी ने अर्धशतक जरूर लगाया लेकिन इसके लिए उन्होंने 100 के करीब गेंदें लीं। धोनी की धीमी बल्लेबाजी की वजह से रोहित पर दबाव बढ़ रहा था। लग रहा था कि रोहित पर बोझ ज्यादा बढ़ गया है।’
आपको बता दें मुकाबले में रोहित शर्मा ने आखिर तक भारत को जीत दिलाने की कोशिश की और उन्होंने 129 गेंदों में 10 चौकों, 3 छक्कों की मदद से 133 रनों की पारी खेली थी।