दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ का आगाज होने वाला है. इस भव्य और दिव्य कुंभ मेले में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे. ऐसे में प्रशासन के सामने कुंभ मेले का आयोजन एक बड़ी चुनौती की तरह है. यूपी पुलिस ने इस बार कुंभ मेले में भीड़भाड़ और अव्यवस्था से निपटने के लिए पहले से ही कई योजनाएं तैयार कर ली है.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने रविवार को बताया कि कुंभ मेले के दौरान संगम पर तैनात पुलिसकर्मी तीर्थयात्रियों को 41 सेकेंड से ज्यादा समय के लिए डुबकी नहीं लगाने देंगे. डीजीपी ने कहा कि अगर इससे ज्यादा वक्त के लिए संगम पर लोगों को डुबकी लगाने की इजाजत दी गई तो भगदड़ होने का खतरा बढ़ सकता है.
डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को इंडिया टुडे के लखनऊ में आयोजित हुए कार्यक्रम ‘संगम- कॉन्फ्लुएंस ऑफ माइंड’ में कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस ने कुंभ मेले को एक सुरक्षित तीर्थयात्रा बनाने के लिए काफी मेहनत की है.
उन्होंने बताया, ‘हम दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ भी संपर्क में है. हर एक दिन के लिए अलग-अलग योजना तैयार की गई है. तीर्थयात्रा के लिए जरूरी हर एक चीज की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस साल के कुंभ में सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक है लेकिन हमने इससे निपटने के लिए भी खास योजना बनाई है.’
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए 11-13 डायवर्जन स्कीम बनाई गई हैं. इस साल तकनीक की अहम भूमिका रहेगी और पुलिस फोर्स एक रोल मॉडल की तरह काम करेगी.
कुंभ में अगर भगदड़ या कोई दुर्घटना होती है तो इससे कैसे निपटा जाएगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल इस तरह की किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. मेले की सुरक्षा में करीब 20,000 से 22,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 80 बटालियन पैरामिलिट्री, रैपिड ऐक्शन फोर्स, फायर सर्विस, एंटी टेरर स्क्वॉयड, नैशनल सिक्योरिटी गार्ड और एरियल स्निपर्स की भी तैनाती की गई है.
पूर्व आईएएस और 2013 के कुंभ मेला अधिकारी रहे मनि प्रसाद मिश्रा ने कहा, कुंभ के लिए पूरी व्यवस्था तीन महीने पहले ही पूरी कर ली जाती है. यह अपने आप में ही एक रिकॉर्ड है और पूरी दुनिया में अनोखा है.