भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने मीटू अभियान और महिलाओं के सम्मान के बारे में बातचीत करते हुए कहा है कि महिलाओं को अपने ऊपर हुए शोषण के बारे में खुल कर बात करनी चाहिए और इसमें शर्मिंदगी की कोई बात नहीं हैं. सिंधु सोरोऑप्टमिस्ट इनटरनेशनल के साथ हैदराबाद सिटी पुलिस के एक कार्यक्रम शाउट, “SH(OUT)” के उद्घाटन के अवसर पर बोल रही थीं.
सिंधु ने कहा कि मीटू अभियान ने लोगों की मानसिकतामें काफी बदलाव किया है. इस अभियान ने महिलाओं और पुरुषों को समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी के प्रति शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई है. सिंधू ने हैदाराबाद पुलिस और सोरोऑप्टमिस्ट इनटरनेशनल के कार्यस्थल पर महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की रोकथाम करने के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना की.
महिलाओं को मजबूत होने की जरूरत
सिंधु ने कहा, “महिलाओं का मजबूत होना चाहिए और खुद पर भरोसा करना चाहिए. उन्हें सामने आकर उस शोषण के बारे में बोलना चाहिए जिनका वे सामना करती हैं. इस बारे में शर्मिंदा करने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें गर्व होना चाहिए कि हम मजबूत हैं और आगे आ रहे हैं” उन्होंने कहा, ” देश से बाहर सफर करते हुए मैंने देखा है कि वहां महिलाओं के प्रति काफी सम्मान है. मैं खुश हूं कि दूसरे देशों में महिलाओं का सम्मान होता है. भारत में लोग कहते हैं कि हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन जो इसे वास्तव में अमल में लाते हैं, ऐसे लोग काफी कम हैं.”
हालांकि सिंधु ने माना का अब भारतीय समाज में भी काफी बदलाव आ गया है. उन्होंने कहा, “पहले यह माना जाता था कि महिलाओं को काम नहीं करना चाहिए और उन्हें घर पर रहना चाहिए, लेकिन अब समाज पूरी तरह बदल गया है. अब कहा जाता है कि पुरुष और महिलाएं समान हैं. मुझे लगता है महिलाओं का मजबूत होने की जरूरत है.”