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गणतंत्र दिवस पर इतिहास रचने जा रहीं लेफ्टिनेंट कस्‍तूरी बोलीं- ‘सेना में लैंगिक भेदभाव नहीं’

नई दिल्‍ली। इस बार 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर महिला सशक्‍तीकरण की बेहद सशक्‍त तस्‍वीर देखने को मिलेगी. 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड में पहली बार कोई महिला पुरुष सैन्‍य टुकड़ी का नेतृत्‍व करती दिखेगी. आर्मी सर्विस कॉर्प्‍स में लेफ्टिनेंट भावना कस्‍तूरी देश को यह गौरवपूर्ण पल देंगी. इससे पहले लेफ्टिनेंट भावना कस्‍तूरी ने सेना दिवस की परेड में भी ऐसा करके महिला सशक्‍तीकरण की मिसाल पेश की थी.

इंडियन आर्मी सर्विस कॉर्प्स (ASC) की टुकड़ी में 144 पुरुष जवान शामिल होंगे. इस ऐतिहासिक पल का हिस्‍सा बनने जा रहीं लेफ्टिनेंट कस्‍तूरी से हमारे सहयोगी चैनल Wion के संवाददाता सिद्धांत सिब्बल द्वारा की गई बातचीत के कुछ अंश:

पुरुष टुकड़ी का नेतृत्‍व करने को लेकर आपको कैसा महसूस हो रहा है?
 यह मेरे लिए खुशी और सम्‍मान की बात की बात है. साथ ही हमारे लिए यह गौरव की बात है. यह आर्मी सर्विस कॉर्प में ऐतिहासिक पल ही होगा कि हमारी टुकड़ी गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्‍सा होगी. यह सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि हमारे 2 जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और 144 जवानों के लिए सौभाग्‍य की बात है. यह हमारे लिए ऐतिहासिक होगा. इससे हम हमेशा के लिए इतिहास की किताबों का हिस्‍सा बन जाएंगे.

सेना में बतौर महिला आपका अनुभव कैसा है?
 मेरा मानना है कि भारतीय सेना में लैंगिक असमानता नाम की कोई भी बात नहीं है. सेना में एक अफसर हमेशा अफसर ही रहता है, जिम्‍मेदार और सेवा का अधिकार भी समान ही रहता है. हमें सेना की क्षमता की तस्‍वीर को बड़े प्‍लेटफार्म पर प्रदर्शित करने का बड़ा मौका मिला है.

फाइल फोटो

क्‍या पुरानी परंपराएं और रुकावटें दूर हो रही हैं?
– जी हां, भारतीय समाज में विभिन्‍न तरह के बदलाव हो रहे हैं. यह सिर्फ सेना में ही नहीं है, बल्कि यह आम जीवन में भी हो रहा है कि महिलाएं अद्भुत कार्य कर रही हैं. मैं यह जरूर कहना चा‍हूंगी कि हम लगातार बेहतर कर रहे हैं.

देश की महिलाओं को आप क्‍या संदेश देना चाहती हैं?
 मेरा मानना है कि मैं अभी भी खासकर लड़कियों के लिए रोल मॉडल हूं. मैं सभी से यह कहना चाहती हूं कि अपने सपने को जीने के लिए प्रयासरत रहें. बीच में कभी हार ना मानें.

हाउ इज द जोश?
– जोश इज हाई.

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