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Wholesale Price Index : मोदी सरकार को राहत, 10 माह के निचले स्‍तर पर महंगाई के आंकड़े

नई दिल्‍ली। मोदी सरकार को कार्यकाल के आखिरी महीनों में महंगाई के मोर्चे पर लगातार राहत मिल रही है. बीते दिसंबर के बाद अब जनवरी की थोक महंगाई दर के आंकड़ों में भी गिरावट देखने को मिली है. दिसंबर के 3.08 फीसदी के मुकाबले जनवरी में थोक महंगाई दर 2.76 फीसद हो गई. यह पिछले दस माह का न्यूनतम स्तर है. वहीं, सालाना आधार पर इसी महीने में थोक महंगाई दर 3.02 फीसदी थी. यानी सालाना आधार पर भी महंगाई से राहत मिली है. इससे पहले मंगलवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े सामने आए थे. इन आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर जनवरी में घटकर 19 महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गई.

किसकी महंगाई दर बढ़ी, किसकी घटी

महीने दर महीने आधार पर जनवरी में खाद्य महंगाई दर 0.07 फीसदी से बढ़कर 1.84 फीसदी पर है तो वहीं प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 2.28 फीसदी से बढ़कर 3.54 फीसदी है. जबकि जनवरी में ईंधन और बिजली की महंगाई दर में बड़ी गिरावट आई है और यह 8.38 फीसदी से घटकर 1.85 फीसदी पर है. यह गिरावट डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की कीमतों के घटने से है. इसी अवधि में सब्जियों की थोक महंगाई दर -17.55 फीसदी के मुकाबले -4.21 फीसदी पर है.

आलू की महंगाई दर 48.68 फीसदी से घटकर 6.30 फीसदी है. अगर नॉन फूड आर्टिकल्स की बात करें तो इसकी महंगाई दर 4.45 फीसदी से घटकर 4.06 फीसदी पर आ गई है. जनवरी में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 2.61 फीसदी पर रही है.  हालांकि, महीने दर महीने आधार पर जनवरी में दाल की महंगाई दर 2.11 फीसदी से बढ़कर 7.55 फीसदी पर आ गई है. अंडों और मांस की थोक महंगाई दर 4.55 फीसदी के मुकाबले 5.47 फीसदी पर रही है.

क्‍या रहे थे खुदरा महंगाई दर के आंकड़े

बीते मंगलवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े सामने आए थे. फल, सब्जी समेत खाने-पीने का सामान सस्ता होने और ईंधन के दाम कम होने की वजह से ये आंकड़े जनवरी में घटकर 2.05 फीसदी पर आ गए. यह 19 महीने का निचला स्‍तर है. पिछले साल जनवरी में देखा जाए तो खुदरा मुद्रास्फीति 5.07 फीसदी थी. इस साल जनवरी में फल, सब्जी और अंडे के दाम लगातार कम हुए. इन खाने वाले सामान के दाम में क्रमश: 4.18, 13.32 फीसदी और 2.44 फीसदी की कमी आई.

महंगाई दर कम होने का आपको कैसे फायदा

महंगाई दर के आंकड़ों में गिरावट का फायदा आने वाले दिनों में आम लोगों को मिल सकता है. दरअसल, इन आंकड़ों के आधार पर ही भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाने या घटाने का फैसला करती है. महंगाई दर में कमी आने की स्थिति में आरबीआई अगली समीक्षा बैठक में एक बार फिर रेपो रेट में कटौती कर सकती है. रेपो रेट में कटौती का मतलब यह हुआ कि आपकी होम लोन पर ब्‍याज दर भी कम हो जाएगी. बता दें कि हाल ही में महंगाई के नियंत्रण में होने की वजह से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 आधार अंकों की कटौती की है. इसके बाद अब रेपो रेट 6.25 फीसदी पर है. वहीं, इस कटौती के बाद स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन पर ब्‍याज दर भी कम कर दिए हैं.

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