Friday , November 22 2024

पुलवामा: NIA को बड़ी कामयाबी, धमाके में इस्तेमाल कार मालिक के घर तक पहुंची टीम

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (​NIA) को बड़ा सुराग हाथ लगा है. एजेंसी ने आत्मघाती हमले में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार और उसके मालिक की पहचान कर ली है. यह गाड़ी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा इलाके में रहने वाले सज्जाद भट्ट की बताई जा रही, सज्जाद शोपियां के सिराज-उल-उलूम का छात्र रहा है. माना जा रहा है कि सज्जाद भी जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया है. 

पुलवामा हमले की जांच कर रही NIA की टीम ने घटनास्थल का दौरा कर आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार के टुकड़े इकट्ठा किए थे. जिसके बाद फॉरेंसिक और ऑटोमोबाइल एक्पर्ट्स की मदद से कार के मॉडल का पता चला. आत्मघाती हमले के लिए प्रयोग में लाई गई यह कार मारुति ईको है, जिसका चेसिस नंबर MA3ERLF1SOO183735 और इंजन नंबर G12BN164140 है. यह कार 2011 में अनंतनाग में मो. जलील अहमद हक्कानी को बेची गई थी.

इसके बाद यह कार 7 अन्य लोगों को बेची गई और अंतत: यह गाड़ी 4 फरवरी को अनंतनाग जिले के बिजबेहरा इलाके में रहने वाले मो. मकबूल भट्ट के बेटे सज्जाद भट्ट के पास पहुंची. सज्जाद दक्षिण कश्मीर के शोपियां मे सिराज-उल-उलूम का छात्र रहा है. सज्जाद की खोज में NIA की टीम ने 23 फरवरी को जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ उसके घर पर छापा मारा था. हालांकि वह अपने घर नहीं मिला और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार बताया जा रहा है.

माना जा रहा है कि सज्जाद भट्ट भी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया है. इस शक को तब और भी बल मिला जब हथियारों के साथ सज्जाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं. बता दें कि पुलवामा हमले के बाद जैश की तरफ से आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार का वीडियो जारी किया गया था जिसमें वो हथियारों के साथ एक वीडियो संदेश दे रहा है.

गौरतलब है कि 14 फरवरी को दोपहर बाद 3:30 बजे सुरक्षाबलों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ जिसमें विस्फोटक लगी एक कार काफिले के एक बस में जा घुसी. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. यह विस्फोट इतना बड़ा था कि इसकी गूंज आस-पास के 5 किलोमीटर के दायरे में सुनाई दी, जबकि इसका मलबा 100-150 मीटर दूर रिहायशी इलाके में फैल गया. ​केंद्र ने हमले की जांच NIA को सौंपी है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch it