Friday , November 22 2024

पुलवामा का बदला: सर्जिकल स्ट्राइक-1 के हीरो डीएस हुड्डा बोले, संभलो पाकिस्तान, हमारी सेना तैयार

नई दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना ने POK में घुसकर 250-300 आतंकियों को मार गिराया है. इस सैन्य कार्रवाई के बारे में सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि अगर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है तो उसे मालूम होना चाहिए कि भारत और बड़ी कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि हमे किसी बात की चिंता करने की जरुरत नहीं. हमारी सेना तैयार है.

बालाकोट में इस तरह के आतंकी कैंप पहले भी चल रहे थे. क्या सेना का ऑपरेशन पहले भी हो सकता था. इस सावल के जवाब में डीएस हुड्डा ने कहा, ”यह कैंप तो वहां लगभग 20 साल से चल रहा था. यह कैंप इतने अंदर हैं कि आपका एयरफोर्स ही एक्शन ले सकता है. मेरे ख्याल से यह सही फैसला लिया गया. अगर वह आतंक को बढ़ावा देते रहेंगे तो हम भी न सिर्फ अपनी सेना बल्कि एयर फोर्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह सरकार की तरफ एक स्ट्रोंग एक्शन है.”

जैश की तरह पाकिस्तान में लश्कर और अन्य आतंकी संगठनों के भी कैंप होंगे क्या उस पर भी एयर स्ट्राइक की जरूरत है. इस सवाल पर हुड्डा ने कहा कि अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है. अगर पाकिस्तान आतंक को नहीं रोकेगा तो हमारी तरफ से साफ है कि क्या करना है. यह स्ट्राइक POK में नहीं बल्कि पाकिस्तान में था.

क्या पाकिस्तान के मुकाबले हमारे पास ऐसे सैन्य हथियार है जिससे हम अगर पाकिस्तान कोई कदम उठाए तो उसे पकड़ सकें. डीएस हुड्डा ने इस सवाल के जवाब में कहा कि हमारी तीनों सेनाओं के पास जो हथियार हैं वो पाकिस्तान से बहुत बेहतर हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह एक बहुत बड़ी कामयाबी है.

क्या इस तरह के ऑपरेशन के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत भी है? इस पर डीएस हुड्डा ने कहा कि बिलकुल जरूरत है. अंत में निर्णय तो उन्हें ही लेना है. मिलिट्री और पलिटिकल लीडरशीप मिलकर डिसाइड करती है. क्या एक्शन लेना है. क्या रणनीति अपनानी है. हमारा देश एक लोकतात्रिक देश हैं और यहा किसी ऑपरेशन के लिए राजनेताओं को ही निर्णय लेना होता है. सर्जिकल स्ट्राइक के दिन की याद दिलाते हुए जब उनसे पूचा गया कि उस दिन की याद आई. उन्होंने कहा, ”हां, मुझे उस दिन की याद आ रही है और आज भी वैसा ही एक दिन है”

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch it