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विराट के ‘प्रयोग’ ने भारत को नहीं बनने दिया चैम्पियन, सीरीज ‘लूटकर’ ले गए कंगारू,

ऑस्ट्रेलिया ने भारत के लगातार प्रयोग किए जाने का पूरा फायदा उठाकर पांचवें और निर्णायक वनडे मैच में 35 रनों से जीत दर्ज कर 10 साल बाद भारतीय सरजमीं पर वनडे सीरीज अपने नाम की. फिरोजशाह कोटला में केवल दो बार (1982 और 1996) ही कोई टीम 250 से अधिक का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर पाई है. ऑस्ट्रेलिया का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही रहा और केवल चार विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ उतरे भारत के लिए 273 रन का लक्ष्य पहाड़ जैसा बन गया.

ऑस्ट्रेलियाई टीम जब भारत आई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह मेजबान टीम को टक्कर दे पाएगी. कंगारू टीम ने भारतीय जमीन पर कदम रखने के बाद सभी धारणाओं को खारिज किया. पहले तो उसने टी-20 सीरीज 2-0 से जीतकर टीम इंडिया का क्लीन स्वीप किया और इसके बाद उसने वनडे सीरीज में 0-2 से पिछड़कर भी तूफानी वापसी कर सीरीज 3-2 से ‘लूट’ ली.

ऑस्ट्रेलिया ने इससे पहले 2009 में भारतीय सरजमीं पर छह मैचों की सीरीज 4-2 से जीती थी. यह वनडे में पांचवां अवसर है, जब किसी टीम ने पहले दो मैच हारने के बाद सीरीज जीती. ऑस्ट्रेलिया से पहले दक्षिण अफ्रीका (दो बार), बांग्लादेश और पाकिस्तान ने यह उपलब्धि हासिल की थी. भारत ने दूसरी बार पहले दो मैच जीतने के बाद सीरीज गंवाई. इससे पहले 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ वह शुरुआती बढ़त का फायदा नहीं उठा पाया था.

शिखर धवन (12) मोहाली की अपनी फॉर्म को बरकरार नहीं रख पाए. दिल्ली का एक अन्य स्टार कोहली आक्रामक मूड में लग रहे थे. मनपसंद शॉट नहीं लगने पर वह एक दो बार झल्लाए भी. ऐसे में मार्कस स्टोइनिस की अतिरिक्त उछाल वाली अपेक्षाकृत धीमी गेंद पर कट करने के प्रयास में वह विकेट के पीछे कैच दे बैठे.

कोटला को सांप सूंघ गया. दिल्ली का एक बल्लेबाज पवेलियन लौट रहा था तथा एक और बल्लेबाज अपने घरेलू मैदान पर उतर रहा था. विश्व कप 2015 के बाद नंबर चार पर कई प्रयोग करने वाली भारतीय टीम ने ऋषभ पंत (16) को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन वह पहली परीक्षा में नाकाम रहे. एडम जांपा पर छक्का जड़कर उत्साह जगाने वाले इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने ऑफ स्पिनर नाथन लियोन की बाहर की तरफ टर्न होती गेंद पर स्लिप में कैच थमा दिया.

विजय शंकर (16) उतावलापन महंगा पड़ा, तो रोहित शर्मा (56) दो जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए. अपना 41वां अर्धशतक पूरा करने वाले यह बल्लेबाज अति उत्साही शॉट लगाने के प्रयास में स्टंप आउट हो गया. जांपा ने इसी ओवर में रवींद्र जडेजा (शून्य) को भी पवेलियन भेजा.

भारत ने पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया था. जसप्रीत बुमराह (10 ओवरों में 39 रन, कोई विकेट नहीं) और जडेजा (10 ओवरों में 45 रन देकर दो विकेट) ने अधिक प्रभावित किया. भुवनेश्वर कुमार (10 ओवरों में 48 रन देकर तीन विकेट) सबसे सफल गेंदबाज रहे, मोहम्मद शमी (9 ओवरों में 57 रन देकर दो विकेट) ने टुकड़ों में अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन कुलदीप यादव (10 ओवरों में 74 रन एक विकेट) ने निराश किया.

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