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10 दिन पहले श्रीलंका पुलिस प्रमुख ने किया था अलर्ट, चर्च समेत भारतीय दूतावास था निशाने पर

नई दिल्ली। श्रीलंका में रविवार की सुबह बेहद दर्दनाक रही. यहां पर 7 अलग-अलग धमाकों में कम से कम 185 लोगों की मौत हो गई, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये हमले श्रीलंका के 3 अलग-अलग चर्च और 4 होटल में हुए हैं. इस बीच हमले को लेकर एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आ रही है. धमाके से 10 दिन पहले यानी 11 अप्रैल को श्रीलंका के पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदर ने देश के प्रमुख चर्चों पर हमले को लेकर एक अलर्ट जारी किया था. अलर्ट में कहा गया था कि आत्मघाती हमलावरों ने प्रमुख चर्चों पर हमला करने की साजिश रची है. पुलिस प्रमुख ने ये अलर्ट शीर्ष अधिकारियों को भेजा था.

अलर्ट में कहा गया कि एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने रिपोर्ट दी है कि NTJ (नेशनल तौहीत जमात) आत्मघाती हमलों को अंजाम दे सकता है. संगठन प्रमुख चर्चों के साथ-साथ कोलंबो में भारतीय उच्चायोग को निशाना बना सकता है.

गौरतलब है कि जिस  NTJ का नाम पुलिस प्रमुख ने अपने अलर्ट में लिया है वो एक वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है. पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था.

पुलिस प्रमुख के अलर्ट के बाद अगर इस तरह का हमला हुआ है तो ये श्रीलंकाई प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. अगर समय रहते पुलिस प्रमुख के अलर्ट पर कार्रवाई होती तो आज सैंकड़ों लोगों की जान नहीं जाती और श्रीलंका धूमधाम से ईस्टर मना रहा होता.

तीन चर्च और तीन होटल पर हुआ हमला

पुलिस के मुताबिक कोलंबो में सेंट एंथनी चर्च, नौगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोबा में एक चर्च को निशाना बनाया गया. इसके अलावा होटल शांग्री-ला, सिनामोन ग्रैंड, किंग्सबरी समेत एक और होटल में भी धमाका हुआ है. कोलंबो में 40, नौगोंबो में 62 और बट्टिकलोबा में 27 लोगों की मौत हुई है. सीरियल धमाके से श्रीलंका में हड़कंप मच गया. पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया. एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई. लिट्टे संकट के बाद श्रीलंका ने पहली बार ऐसे हमले देखे. श्रीलंका के राष्ट्रपति ने धमाकों पर शोक जताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.

पीएम मोदी ने की निंदा

श्रीलंका में चर्च और होटल पर हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि श्रीलंका में हुए भयानक विस्फोटों की कड़ी निंदा करते हैं. हमारे क्षेत्र में इस तरह के बर्बरता के लिए कोई जगह नहीं है. भारत श्रीलंका के लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है.

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