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सीएम योगी आदित्यनाथ की सिफारिश ने किया काम, मंत्रिमंडल बर्खास्त हुए ओमप्रकाश राजभर

सीएम योगी आदित्यनाथ की सिफारिश को मंजूर करते हुए राज्यपाल राम नाईक ने पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।

राजभर के साथ ही उनके बेटे अरविंद राजभर सहित सात सदस्यों को प्रदेश सरकार द्वारा गठित समितियों से हटा दिया गया है। बता दें, यूपी सरकार ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने महामहिम श्री राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की।’

राजभर को बर्दाश्त करने के मूड नहीं भाजपा

लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा के लिए मुसीबत बने राजभर को अब भाजपा बर्दाश्त करने के मूड़ में नहीं है। प्रयागराज में सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे। एक्जिट पोल आने के बाद सोमवार की सुबह सीएम योगी ने राज्यपाल राम नाईक से राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी। राज्यपाल ने सीएम की सिफारिश को मंजूर करते हुए ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।

लाइम लाइट में आए राजभर

भाजपा पर दबाव बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने और अपनी ही सरकार की किरकिरी कराकर चर्चा में रहने वाले राजभर को इसी बहाने लाइम लाइट में आने और अपनी छवि को बड़े नेता के तौर पर बनाने में खूब मदद मिली है। जिसका प्रयोग वह आगे विधानसभा चुनाव के दौरान करेंगे, इसका पूरा प्लान तैयार किया गया है।

 

कद्दावर मंत्रियों की सलाह- राजभर को करें बाहर

योगी कैबिनेट के कद्दावर मंत्रियों ने राजभर को कैबिनेट से बाहर करने की सलाह दी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लगातार राजभर के उठपटांग बयान पर नाराजगी जताते रहे। वहीं, दूसरी ओर दूसरे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने साफ तौर पर गठबंधन को बचाने का प्रयास किया था और यह मामला शीर्ष नेतृत्व तक भी पहुंचा, लेकिन आम चुनाव के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। क्योंकि इससे राजभर जाति को गलत संदेश जाता और दूसरे शब्दों में राजभर की अजीबोगरीब आक्रमकता का लाभ भी भाजपा को मिला, क्योंकि जितना गलत बयान राजभर करते रहे, ठीक उसके उल्टे भाजपा के प्रति वोटों के धुव्रीकरण का माहौल बनता रहा।

 

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था नौटंकी ना करें राजभर

राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने तो हर मौके पर राजभर को गठबंधन धर्म की नसीहत दी और चुनाव के आखिरी दौर में खरी-खरी सुनाते हुए कहा था कि राजभर इस्तीफे की नौटंकी ना करें और अगर इस्तीफा देना है तो राज्यपाल को सौंपे। क्योंकि राज्यपाल ही उनका इस्तीफा स्वीकार करेंगे। सिद्धार्थ नाथ थे प्रयागराज में राजभर पर हमला करते हुए कहा था कि राजभर सत्ता की मलाई भी खाना चाहते हैं और विरोध कर चुनाव भी लड़ना है इसलिए दोनों साथ साथ नहीं चलेगा।

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