चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. इस दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि अमरिंदर सिंह पंजाब के निर्विवाद नेता हैं. उनके व्यक्तित्व के अनेक पक्ष हैं.’
पार्टी के कई नेता सिंह का समर्थन कर रहे हैं और नवजोत सिद्धू को अपनी ही पार्टी के नेताओं के सवालों का सामना करना पड़ रहा है. कारागार मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी नवजोत सिद्धू की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव के समय ऐसे बयानों को जारी करना सीधे तौर पर बादल परिवार की मदद करना है.
सिद्धू ने चुनाव प्रचार के समय सवाल किया था कि बादल परिवार के खिलाफ प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई है. वह 2015 में सत्तारूढ़ बादल सरकार के समय एक धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी को लेकर अपनी बात कह रहे थे.
पंजाब प्रभारी ने मांगी रिपोर्ट
वहीं कांग्रेस की पंजाब के मामलों की प्रभारी आशा कुमारी ने अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के मध्य चल रहे विवाद को लेकर पार्टी की राज्य इकाई से रिपोर्ट तलब की है.
कुमारी ने बताया, ‘हम प्रत्येक घटना पर रिपोर्ट मंगाते हैं और इस मामले में भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी से रिपोर्ट मांगी गई है.’ उन्होंने कहा कि पार्टी के पंजाब इकाई के प्रभारी सुनील जाखड़ चुनाव परिणाम आने के बाद इस पर रिपोर्ट सौंपेंगे. जाखड़ स्वयं गुरूदासपुर से चुनाव लड़ रहे हैं.
अमरिंदर सिंह ने रविवार को नवजोत सिद्धू पर आरोप लगाया था कि वह राज्य में कांग्रेस को ‘नुकसान’ पहुंचा रहे हैं और वह खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. इस बीच कांग्रेस में अमरिंदर सिंह के प्रति नेताओं का समर्थन बढ़ रहा है.
बीजेपी ने ली विवाद पर चुटकी
केंद्रीय मंत्री और अमृतसर से भाजपा प्रत्याशी हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट करते हुये कहा कि अंदर दबा मामला अब सतह पर आ गया है. पंजाब के मंत्री संधू सिंह धर्मासोट ने सोमवार को कहा था कि अगर सिद्धू, अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे देना चाहिए.