पटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को थैंक यू कहा है. ममता ने नीतीश को थैंक यू क्यों कहा, इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. हालांकि ममता बनर्जी ने जेडीयू के चार राज्यों में अकेले चुनाव लड़ने के फैसले की वजह से धन्यवाद दे रही है. यानी इन राज्यों में जेडीयू एनडीए में शामिल नहीं रहेगा. लेकिन क्या सिर्फ यही वजह है, सवाल ये भी है.
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी ने रविवार को फैसला किया कि वो झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और जम्मू कश्मीर का विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे. मतलब इन राज्यों में वो एनडीए गठबंधन में शामिल नहीं होगी. जेडीयू के इस फैसले से ममता बनर्जी को इतनी खुश हुई कि उन्होंने नीतीश कुमार को धन्यवाद दे दिया. लेकिन इस कार्यकारणी में तमाम अटकलों के बाद जेडीयू ने यह भी निर्णय लिया कि वो बिहार में 2020 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगी.
मगर सवाल ये उठता है कि जिन चार राज्यों में जहां जेडीयू का विशेष प्रभाव नहीं है वहां अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर ममता इतनी खुश क्यों हुई हैं. जबकि अपने जनाधार वाले क्षेत्र बिहार में जेडीयू बीजेपी के साथ चुनाव लड़ेगी और बीच के चार साल छोड़ दें तो पिछले 23 वर्षों से नीतीश कुमार गठबंधन में हैं. लेकिन उस पर ममता बनर्जी ने कुछ नहीं कहा. क्या ममता ये तो नहीं चाहतीं कि जेडीयू बंगाल में भी चुनाव लड़े या फिर प्रशांत किशोर पर नीतीश कुमार के नरम रवैये की वजह से इतनी खुश हैं.
ममता बनर्जी और जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की हाल में ही मुलाकात हुई जिसमें बंगाल 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की संस्था ‘आई पैक’ से मदद लेने पर बात हुई. इसे लेकर बिहार में सवाल भी उठे. जेडीयू पार्टी में होते प्रशांत किशोर कैसे तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मदद कर सकते हैं. क्योंकि बीजेपी के साथ वो एनडीए में शामिल हैं, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आई पैक संस्था के जुड़े अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का जमकर बचाव किया है.
लेकिन मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि प्रशांत किशोर हमारे पार्टी के सदस्य हैं. जहां तक बात उनके स्ट्रेजिस्ट संगठन आई पैक का है तो वो अलग चीज है, उसका सीधे व्यक्ति के साथ जो पॉलिटिकल मेंबर हैं उसके साथ उसका लिंक जोड़ना ठीक बात नहीं है. आई पैक का जेडीयू से कोई संबंध नही है. प्रशांत किशोर पार्टी में हैं तो पार्टी के लिए काम करेंगे ही.
बंगाल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव की वजह से ममता संकट में हैं और इस संकट से उबरने के लिए वो तमाम तरह के उपाय में लगी हैं. शायद वो चाहती हों कि चार राज्यों की तरह जेडीयू बंगाल में भी चुनाव लड़े. इससे उन्हें फायदा हो सकता है क्योंकि बंगाल में बिहार के बहुत वोटर हैं जो अभी बीजेपी को वोट देते हैं. ऐसे में अगर जेडीयू वहां चुनाव लड़ेगी तो उससे टीएमसी को फायदा मिल सकता है. हांलाकि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि जेडीयू चाहती है कि बंगाल में ममता की पार्टी की हार हो.