लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने तेलगु देशम पार्टी के जिन सांसदों को कभी ‘विजय माल्या’ बताया था वो अब बीजेपी में ही शामिल हो गए हैं. दरअसल, गुरुवार को टीडीपी के छह राज्यसभा सांसदों में से चार ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने बीजेपी का दामन थाम लिया है. टीडीपी के राज्यसभा सांसद टीजी वेंकटेश, सीएम रमेश और वाईएस चौधरी ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा था.
दिलचस्प ये है कि बीजेपी में शामिल हुए चार सांसद में से दो आर्थिक घोटाले, धोखाधड़ी के मामलों में ईडी सीबीआई और बैंकों के निशाने पर हैं और कभी बीजेपी ने ही उनपर निशाना साधते हुए उन्हें ‘आंध्र प्रदेश का माल्या बताया था. सीएम रमेश और वाईएस चौधरी पर कई मामलों में जांच चल रही है. रमेश का नाम सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना विवाद में आया था. उनकी कंपनी के खिलाफ आयकर मामले में जांच चल रही है. वहीं वाईएस चौधरी की बात करें तो वह सीबीआई और ईडी के निशाने पर हैं, उनपर फर्जी लोन के मामले में जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं.
बीजेपी ने बताया था आंध्र प्रदेश का माल्या
पिछले साल नवंबर माह में बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने चौधरी और रमेश को आंध्र प्रदेश का माल्या बताया था. उन्होंने दोनों के खिलाफ राज्य सभा की इथिक्स कमेटी को पत्र लिखकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी
मायावती ने साधा निशाना
टीडीपी ने नायडू से चारो सांसदों की सदस्यता रद्द करने की मांग की
टीडीपी के पांच सांसदों ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से बीजेपी में शामिल होने वाले उनकी पार्टी के चार सांसदों को उच्च सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की. सूत्रों के अनुसार टीडीपी ने तीन लोकसभा और दो राज्यसभा सदस्यों ने नायडू से मुलाकात कर पार्टी से अलग हुये सांसदों की अर्जी को भी चुनौती देते हुये इसे अमान्य ठहराने की मांग की है.