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UN की ‘अनौपचारिक बैठक’ का आशय क्‍या है? कश्‍मीर मुद्दे पर क्‍या इससे कुछ फर्क पड़ेगा?

नई दिल्‍ली। कश्‍मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद इस मुद्दे पर पाकिस्‍तान ने संयुक्‍त राष्‍ट्र को पत्र लिखा है. पाकिस्‍तान के करीबी सहयोगी चीन ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से इस मुद्दे पर अनौचारिक बैठक (Closed Consultation) का आग्रह किया है. संयुक्‍त राष्‍ट्र में ये बैठक शुक्रवार सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे) शुरू होगी. अब सवाल उठता है कि दुनिया के सबसे बड़े कूटनीतिक मंच पर अनौपचारिक बैठक का आशय क्‍या है?

1. संयुक्‍त राष्‍ट्र के एजेंडा आइटम ‘इंडिया पाकिस्‍तान क्‍वेश्‍चन’ के तहत चीन ने इस बैठक का प्रस्‍ताव किया था. इस तरह की मीटिंग सार्वजनिक रूप से नहीं होती. बंद कमरे में गुप्‍त मंत्रणा होती है. मीटिंग में कही गई बातों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों के बीच सलाह-मशविरे के लिए इस तरह की अनौपचारिक बैठकों का आयोजन किया जाता है. इसका प्रसारण नहीं किया जाता. पत्रकारों को भी इसको कवर करने की अनुमति नहीं होती.

2. संयुक्‍त राष्‍ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक इससे पहले 1964-65 में एजेंडा आयटम ‘इंडिया-पाकिस्‍तान क्‍वेश्‍चन’ के तहत सुरक्षा परिषद में जम्‍मू-कश्‍मीर क्षेत्र पर भारत और पाकिस्‍तान के बीच विवाद पर बैठक हुई थी. 16 जनवरी, 1964 को संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान के प्रतिनिधि ने परिषद के अध्‍यक्ष को लिखकर तत्‍काल मीटिंग का आग्रह किया था. भारत ने पाकिस्‍तान की अपील को प्रोपैगेंडा कहा था.

3. 1969-71 के बीच एक अन्‍य एजेंडा आयटम ‘भारत/पाकिस्‍तान उपमहाद्वीप में स्थिति’ के तहत कश्‍मीर का मसला विश्‍व बिरादरी के सामने उठा था. उसके बाद 1972 के शिमला समझौते में भारत और पाकिस्‍तान ने द्विपक्षीय बातचीत के जरिये विवादित मुद्दे के समाधान की बात कही. इस समझौते में तीसरे देश की किसी तरह की मध्‍यस्‍थता को खारिज किया गया. उसके बाद से जब भी पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर मुद्दे को विश्‍व बिरादरी के समक्ष उठाया तो भारत ने हमेशा उसको शिमला समझौते की याद दिलाई.

4. भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने यूएनएससी से कश्मीर मसले पर बैठक बुलाने की मांग की थी. दरअसल, अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधानों के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था. सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर नई दिल्ली के इस रुख का समर्थन किया है कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है. अमेरिका ने भी कहा है कि कश्मीर के संबंध में हालिया घटनाक्रम भारत का आंतरिक मसला है.

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