के. विक्रम राव यूं तो हमारे व्यवसाय में फ़ेक (फर्जी) और पेइड (दाम चुकाई) न्यूज का प्रचलन अरसे से है। खासकर चुनाव के दौरान। अब ”प्लांटिंग”(रोपना) भी चालू है। इसीलिये हमलोग तो पसोपेश में उलझे रहते हैं कि पत्रकारिता आखिर है क्या? व्रत है या वृत्ति? मगर गत दिनों लखनऊ ...
Read More »स्पेशल
पंजाब सलटा नहीं, राजस्थान-छत्तीसगढ़ में भी बगावत की चिंगारी: पायलट और ‘महाराज’ इस बार बिगाड़ देंगे कॉन्ग्रेस का गेम?
अनुपम कुमार सिंह राजस्थान में 2020 में वो जून-जुलाई का ही महीना था, जब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद सार्वजनिक हो गया था। सचिन पायलट को जुलाई 2020 में राज्य के उप-मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था। तब उन्होंने सत्य के परेशान होने और पराजित न ...
Read More »विकास में वक्फ का रोड़ा नागवार होगा!
के. विक्रम राव न्यायिक निर्णय (हाईकोर्ट : 1 जून 2021) के बाद राजधानी के ”सेन्ट्रल विस्ता” योजना का निर्माण कार्य निर्बाधरुप से चलेगा। किन्तु दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और ओखला क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक मियां मोहम्मद अमानतुल्ला खान ने (4 जून 2021) प्रधानमंत्री को पत्र लिख ...
Read More »लैब लीक थ्योरी: भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च में Covid-19 की उत्पत्ति को लेकर कई बड़े खुलासे, पढ़िए सबकुछ
चीन के वुहान शहर में पहली बार कोविड-19 का पता चलने के डेढ़ साल बाद भी यह सवाल रहस्य बना हुआ है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस कहाँ से फैला। दरअसल, चीन की वुहान लैब से डेढ़ साल पहले SARS-CoV-2 वायरस के लीक होने की खबरों ने जोर पकड़ा था, ...
Read More »जार्ज फर्नांडिस, एक श्रद्धांजलि
3 जून 2021 जार्ज की 91वीं वर्षगांठ पर के. विक्रम राव आज (3 जून 2021) बागी लोहियावादी जार्ज मैथ्यू फर्नाण्डिस 91 वर्ष के होते। जिस युवा समाजवादी द्वारा बन्द के एक ऐलान पर सदागतिमान, करोड़ की आबादीवाली मुम्बई सुन्न पड़ जाती थी। जिस मजदूर पुरोधा के एक संकेत पर देश ...
Read More »मुस्लिमों के बीच काला लिबास, हिन्दुओं के बीच चंदन लगाना: प्रियंका के बहरूपिया पर विश्वास कर कौन देगा वोट?
यदि स्लेट सफा चट्ट रहे तो फिर उस पर इच्छानुसार कुछ भी लिखा जा सकता है। छात्र वर्णमाला से लेकर व्याकरण और गिनती से लेकर पहाड़ा तक, कुछ भी टीप सकता है। और छात्र यदि पढ़ने की ऐक्टिंग करने वाला हो तो फिर पढ़ाई करने का आभास देते हुए वह ...
Read More »7 साल बाद PM मोदी यहाँ हैं… नेहरू, इंदिरा, मनमोहन कहाँ थे
लोकतंत्र और सियासत की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि वह हर दौर में चेहरा/चेहरे तलाश लेता है, जिनके इर्द-गिर्द चुनावी राजनीति सिमटी रहती है। इन चेहरों का प्रभाव व्यापक या क्षेत्रीय हो सकता है। पर इसका उलट एक क्रूर सत्य भी है। अमूमन ऐसे चेहरे अपने राजनैतिक प्रभाव ...
Read More »कुरुक्षेत्र: केशव मौर्य हो सकते हैं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तो योगी के सामने आचार्य को उतार सकती है कांग्रेस
विनोद अग्निहोत्री कोरोना के दूसरे आक्रमण से जूझते देश में अब भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सबसे बड़ी चिंता उत्तर प्रदेश को लेकर है। रविवार को भाजपा नेतृत्व की शीर्ष स्तर ...
Read More »आग की भट्टी में सुलगते गाँव
कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है,इससे लगभग कोई भी अछूता नहीं रह गया है। गाँव आज अपने भाग्य को कोसते हुए अपनी अन्तहीन पीड़ा में कराह रहे हैं। स्थिति ठीक आग की भट्टी में सुलगने वाले कोयले की तरह हो गई है।सबके पास अपने बचाव की पर्याप्त ...
Read More »भगत सिंह फिर जन्मे, मगर पड़ोस के घर में !
के. विक्रम राव देश बनता है राष्ट्रनायकों के उत्सर्ग से। संघर्षशील इस्राइल इस तथ्य का जीवंत प्रमाण है। आठ अरब देशों, सभी शत्रु, की 42 करोड़ आबादी का मुकाबला सात दशकों से 90 लाख जनसंख्यावाला इस्राइल अकेला कर रहा है। तीन युद्ध लड़ा और सभी जीता भी। इस्राइल में हर ...
Read More »‘अल्लाह-हू-अकबर’ के साथ दंगे, आतंक, जबरन धर्म-परिवर्तन पर चुप्पी… लेकिन ‘जय श्रीराम’ नारे पर सबूत माँग रहा गैंग
हरियाणा का मेवात पिछले साल हिंदुओं पर होते अत्याचारों के कारण सुर्खियों में था और इस बार ये चर्चा में आसिफ की तथाकथित मॉब लिंचिंग की वजह से आया है। बीते वर्ष चंद चैनलों या वेबसाइट्स को छोड़ दिया जाए तो किसी ने हिंदूविहीन होते गाँवों पर बोलना तक जरूरी नहीं समझा था। लेकिन ...
Read More »विधायिका और कार्यपालिका के बीच संतुलन में फंसे मुख्यमंत्री
राजेश श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में आंशिक कोरोना कफ्र्यू शुरू कर दिया। कागजों पर संक्रमितों की संख्या घटी। यह बात दूसरी है कि गांवों में संक्रमण नहीं थमा है। अकेले यूपी के बिजनौर में ही सवा महीने में 35 लोगों की मौत हो गयी। ...
Read More »नारी की चुनौती नयी माकपा सरकार को !
के. विक्रम राव नारी—अस्मिता को अतीव महत्व देने के लिये गुजरात के बाद केरल ही मशहूर है। इस बार वहां प्रथम महिला मुख्यमंत्री की संभावना अत्यधिक थी। पर लैंगिक भेदभाव करने में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट भी अंतत: वही भारतीय समाज में जमी पौरुष ग्रंथि से मुक्त नहीं हो पाये। कांग्रेसी जैसी ...
Read More »ममता दीदी का ”खेला” चालू छे !
के. विक्रम राव भारतीय गणराज्य से बंगभूमि के ”मुक्ति” का संघर्ष विप्र—विदुषी ममता बंधोपाध्याय ने तेज कर दिया है। यूं भी ”आमी बांग्ला” बनाम ”तूमि बाहरी” के नारे पर उनकी तृणमूल कांग्रेस पार्टी विधानसभा का चुनाव गत माह लड़ी थी। अत: अब अपने अधूरे एजेण्डे को अंजाम देने में प्राणपण ...
Read More »मालेरकोटला पर विवाद ? अज्ञानता ही जड़ है !!
के. विक्रम राव दो राज्यों (पंजाब और उत्तर प्रदेश) के मुख्यमंत्रियों में विवादग्रस्त बयानबाजी कल (15 मई 2021) हुयी। नतीजन पंजाब की एक शांत, सशुप्त नगरी सुखियों में आ गयीं। संपादकजन भी खोजने लगे कि आखिर यह मालेरकोटला है क्या बला ? इस नगरी पर कांग्रेसी कप्तान अमरेन्द्र सिंह और ...
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