Friday , November 22 2024

स्पेशल

पुलिस की एक गलती से कैसे ‘शाहीनबाग’ बन गया राजनीति का अखाड़ा !

प्रमोद शर्मा दिल्ली के साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट का एक छोटा सा शाहीनबाग इलाका कैसे पुलिस की एक छोटी सी लापरवाही की वजह से बड़ी परेशानी का सबब बन गया है. CAA और NRC के विरोध में दिल्ली से लेकर देश भर में हो रहे विरोध की चिंगारी शाहीनबाग में कैसे ...

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Opinion: ‘सिद्धू से भी बुरी गत होने जा रही है दीपिका पादुकोण की’

दयानंद पांडेय छपाक के फ़्लाप होने में सिर्फ़ और सिर्फ़ दीपिका पादुकोण का जे एन यू चले जाना है। जनमत आग की नदी है। बाज़ार और राजनीति जनमत से लड़ कर नहीं चलती। जैसे मुस्लिम वोट बैंक की क़ीमत कांग्रेस निरंतर चुकाती चल रही है। लेकिन कांग्रेस इस अफीम से ...

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यूपीटेट के अभ्यर्थी इन प्रश्नों पर कर रहे आपत्ति

राहुल कुमार गुप्त यूपीटेट-2019 का पेपर होने के बाद से कई कोचिंग संस्थानों और अभ्यर्थियों ने अपने कयास लगाने शुरू कर दिये थे कि प्रश्नपत्र में आये कुछ विवादित प्रश्न कटआफ के नजदीक रहने वाले अभ्यर्थियों को निराश कर सकते हैं लेकिन इन्हें विभाग के हाक़िम पर विश्वास भी है ...

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भारत के लिए पाकिस्तान और ईरान में कलेजा पीटो तो जानें..!

प्रभात रंजन दीन सुनने में, कहने में और लिखते हुए बहुत बुरा लग रहा है लेकिन यह हकीकत है कि भारतवर्ष बहुतायत में अत्यंत घृणित किस्म के लोगों का देश बन कर रह गया है। यह लिखने के पहले कई देशों के बारे में पढ़ा। सोचा। अलग-अलग देश के लोगों ...

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देश किसी दल या गिरोह की बपौती नहीं…

प्रभात रंजन दीन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और ईरान में एक सेनाधिकारी की हत्या के खिलाफ भारतवर्ष में हो रहे अवांछित (un-wanted) और असंवैधानिक (un-constitutional) धरना-प्रदर्शनों और हिंसा को लेकर ‘मित्रों के चेहरे वाली किताब’ (Facebook) पर मैंने दो-तीन लेख लिखे। इन लेखों पर सैकड़ों सार्थक-सकारात्मक ...

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शिकारा: कश्मीरी पंडितों की कहानी के वो हिस्से जो अब तक छुपाए गए हैं!

नेहा चौधरी पहली बार ऐसा है, जब एक महीने का इंतज़ार काफी लंबा लग रहा है। पहली बार लग रहा है कि हर एक दिन गिनना पड़ेगा शायद, या दिन मुश्किल से कटे। वो भी किसलिए? एक मूवी के लिए। मूवी, एक ऐसे सब्जेक्ट पर है जिस पर कभी किसी ...

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जो अब कर रहे पहले कर लेते तो इतना सब कुछ क्यों होता …

राजेश श्रीवास्तव बीते एक सप्ताह से भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान के निर्देश पर सभी राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश में संगठन व सरकार के नुमाइंदों, पदाधिकारियों, मंत्रियों, विधायकों, सांसदों व रणनीतिकारों को बाकायदा तैनाती देकर आदेश दिया गया है कि वह जनजागरण कर, लोगों से मिलकर अपने-अपने क्ष्ोत्र या एलॉट ...

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परत (पुस्तक समीक्षा )

मतलब तो आप समझ कर भी नहीं समझते हैं । अरे वही परत जिसे अंग्रेजी में लेयर कहते हैं। आजकल सबको चढ़ गया है। किसी को विकास का , किसी को अति प्रगतिशीलता का , किसी को विश्व बंधुत्व का , किसी को निरपेक्षता का, अरे वही जिसमें अपना बुरा ...

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तो कांग्रेस की मति मारी गई है

दयानंद पांडेय तरह-तरह की तमाम बातें जो सामने आ रही हैं , उन से पता चलता है कि सत्ता की आदती रही कांग्रेस सत्ता से विछोह बर्दाश्त नहीं कर पा रही। सो कांग्रेस की मति मार गई है। बुरी तरह। उस के सारे पास उलटे पड़ते जा रहे हैं। नागरिकता ...

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कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को ऐसी -ऐसी आत्मघाती सलाह कौन देता है ?

सुरेन्द्र किशोर बिहार से राज्य सभा के सदस्य गंगा शरण सिंह ने गांधी, नेहरू, जयप्रकाश सहित अनेक दिग्गज नेताओं को करीब देखा था। गंगा बाबू के पास बड़े- बड़े नेताओं के बारे में तरह -तरह के संस्मरणों का खजाना था। कुछ संस्मरण मैंने भी गंगा बाबू से सुने थे। किसी ...

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राजनीति तो ठीक पर इतना भी न गिरिए कि…

राजेश श्रीवास्तव राजनीति दो शब्दों का एक समूह है राज+नीति। (राज मतलब शासन और नीति मतलब उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने कि कला) अर्थात नीति विशेष के द्बारा शासन करना या विशेष उद्देश्य को प्राप्त करना राजनीति कहलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जनता के ...

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राजनीतिक इतिहास का अटल व्यक्तित्व

प्रभात रंजन दीन सत्य का संघर्ष सत्ता से / न्याय लड़ता निरंकुशता से, अंधेरे ने दी चुनौती है / किरण अंतिम अस्त होती है… अटल जी की कविता की ये चार पंक्तियां देश की उत्तर-आजादी-काल की राजनीतिक-सामाजिक वास्तविकता का परिचय देने के लिए काफी हैं। वाकई, यह शिद्दत से महसूस ...

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तमाम दावों के बीच झारखंड में टूट गया बीजेपी का तिलिस्म?

पाकिस्तान, धारा 37०, राम मंदिर, नागरिकता कानून जैसे मुद्दे और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जाूद भी नहीं चला, आधी सीटों पर सिमट गयी भाजपा फीकी पड़ने लगी अमित शाह की रणनीति राजेश श्रीवास्तव भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह के लिए वर्ष 2०19 ...

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37० जैसे मसले हल करने वाली सरकार से कैसे हो गयी चूक

राजेश श्रीवास्तव कश्मीर जैसे क्ष्ोत्र में 37० जैसे मसलों को बड़ी ही आसानी से हल करने वाली मोदी सरकार से इन बार नागरिकता कानून विरोधी मसले पर किस तरह से चूक हो गयी कि पूरा देश इस समय हिंसा की चपेट में है, यह बड़ा सवाल इन दिनों हवा में ...

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मुसलमानों को आप नामसमझ समझते हैं क्या..?

प्रभात रंजन दीन तहज़ीब-ओ-तमद्दुन का शहर लखनऊ… अरे छोड़िए सब बेकार बातें हैं। देश, संविधान और शहर का जब अपने स्वार्थ में इस्तेमाल करना हो तो सारे अच्छे-अच्छे शब्द और संबोधन… लेकिन जब स्वार्थ नहीं सधे, तब देखिए लखनऊ को बदतमीजी और असभ्यता का शहर बनाने में थोड़ी भी देर ...

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