अजीत झा तुलसीदास भी गजबे थे। राम पर पूरा रामचरितमानस लिख दिया। जन्म से लेकर कलयुग तक का खाका खींच दिया। पर जो लिखना था वो न लिखा। नहीं बताया कि राम किस गली के कितने नंबर मकान में पैदा हुए। कायदे से दशरथ के प्लॉट (राजमहल) का खतिहान ही ...
Read More »स्पेशल
‘न्यायपालिका बिकी हुई है’: वामपंथी गिरोह का अगला नैरेटिव क्योंकि इनके बाप-दादा फँस रहे हैं
अजित भारती “तुम सोचते हो कि हमारी लड़ाई साल भर की है, दस साल की है या फिर बीस, पचास या सौ साल की है, जबकि हमारी लड़ाई तब तक की है, जब तक हमारी जीत नहीं हो जाती।” ये ध्येय वाक्य एक आतंकी विचारधारा का भी है, इज़रायल वालों ...
Read More »आर्थिक मंदी और जीडीपी का बुखार कश्मीर से 370 हटते ही क्यों शुरू हुआ
दयानंद पांडेय ऐसा क्यों है कि आर्थिक मंदी और जी डी पी का बुखार कश्मीर से 370 हटते ही शुरू हुआ। और कि पी चिदंबरम के सी बी आई कस्टडी में जाते ही टाईफाईड में कनवर्ट हो गया यह बुखार। न , न मैं यह बिलकुल नहीं कह रहा कि ...
Read More »मानवाधिकार की आड़ में कश्मीर पर आवाज उठाने वाले Amnesty के काले करतूतों का कच्चा चिट्ठा
जयन्ती मिश्रा वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों, मानवीय मूल्यों और मानवीय स्वतंत्रता के नाम पर चलने वाले अनेकों गैर सरकारी संगठनों का काला सच क्या है? ये किसी से छिपा नहीं है। मानव-हित के नाम पर अपने कुकर्मों को अंजाम देना और अन्य देशों की संप्रभुता से खिलवाड़ कर पश्चिमी ताकतों ...
Read More »अगर आपने तबरेज का नाम सुना है और रंजीत का नहीं तो जान लीजिए ‘उनका’ एजेंडा कामयाब रहा
अनुपम कुमार सिंह मॉब लिंचिंग भी आजकल 2 तरह की हो गई है- ‘अच्छी’ लिंचिंग और ‘बुरी’ लिंचिंग। ‘अच्छी’ लिंचिंग वह है, जिसमें आरोपित हिन्दू हों और मृत व्यक्ति मुस्लिम। ‘बुरी’ लिंचिंग वह है, जिसमें इसका उल्टा हो। ‘अच्छी’ मॉब लिंचिंग पर हंगामा खड़ा किया जाता है, सरकार पर सवाल ...
Read More »मीडिया को सत्ता का गुंडा बताने वाले रवीश के 4P- प्रपंच, पाखंड, प्रोपेगेंडा, प्रलाप
“काहे री नलिनी तू कुम्हिलानी, तेरी नाल सरोवर पानी। जल में उतपति जल में बास, जल में नलिनी तोर निवास।” कबीर के इस दोहे का अर्थ है- “नलिनी तुम क्यों नाहक कुम्हलाई जाती हो, तुम्हारी नाल सरोवर के पानी में है, तुम्हारी उत्पत्ति और निवास ही जल में है, फिर ...
Read More »8 घटनाएँ मंदिरों की अमानत में खयानत की: क्या किसी सरकार ने इसकी सुध ली?
मृणाल प्रेम तिरुपति मंदिर में भगवान बालाजी के मुकुट और आभूषण चोरी होने और मामला दो साल तक दबे रहने पर आउटरेज केवल वही कर सकता है, जिसे सेक्युलर-समाजवादी भारतीय गणराज्य की गुलामी और भेदभाव की ज़ंजीरों में जकड़े हिन्दू धर्म/हिंदुत्व की बेड़ियों का पता न हो। जानने वालों के हिसाब से ...
Read More »बात श्री-श्री 1008 श्री रवीश कुमार और उनके अखंड (आपको पता ही है) भक्तों की
कहते हैं कि कलि काल में एक महान व्यक्ति का अभ्युदय हुआ जो हर मामले का जानकार हुआ करता था। वो जो कह देता था, वही परम सत्य हुआ करता था। वो टीवी नामक यंत्र से रात के नौ बजे प्रवचन किया करता था। उसके भक्तों की संख्या बढ़ती गई ...
Read More »थूक कर कितनी बार चाटेंगे राहुल गॉंधी, अब तो पाकिस्तानी भी कहने लगे कंफ्यूज्ड
अजीत झा बचपन में पढ़ा था थूक कर चाटना। यानी अपनी ही बातों से मुकर जाना। बीते कुछ सालों से जिस एक व्यक्ति को बार-बार इस मुहावरे पर खरे उतरता देख रहा हूँ, वो कोई और नहीं देश के इकलौते चिर युवा 49 वर्षीय राहुल गॉंधी हैं। अब तो हालत ...
Read More »2०13 तक डबल डिजिट की शहरी और ग्रामीण आय अब रह गयी पांच फीसद
राजेश श्रीवास्तव भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ बढ़ रही है। 2०16-17 में जीडीपी विकास दर 8.2% थी, 2०18-19 में वो 5.8% पर पहुंच गई है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की रिसर्च के मुताबिक 2०19-2० की पहली तिमाही में यह और नीचे जाकर 5.6% पर पहुंचने की आशंका है। ...
Read More »कृषि प्रधान देश के 76 फीसद किसान तलाश रहे खेती के विकल्प
राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । कभी भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता था । लेकिन आज वह स्थिति आ गयी है जब हमारा अन्नदाता ख्ोती को छोड़कर उसका विकल्प तलाशने लगा है। यह स्थिति सिर्फ यह सोचने को विवश नहीं करती कि किसान ख्ोती छोड़ रहा है। बल्कि यह सोचने ...
Read More »बेरोजगारी : बीते साल देश में 1.10 करोड़ नौकरियां हो गयीं कम
राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । पिछले दिनों नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने सरकार से निजी कंपनियों को भरोसे में लेने की सलाह देते हुए कहा था कि किसी ने भी पिछले 7० साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जब पूरी वित्तीय प्रणाली जोखिम में है। राजीव ...
Read More »आर्थिक मंदी से निपटना मोदी सरकार के लिए कड़ी अग्निपरीक्षा
राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । एक तरफ भले ही मोदी सरकार के रणनीतिकार यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि देश में आर्थिक मंदी का खास असर है। लेकिन एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध मंे कई ऐलान कर इस बात को स्वीकार कर लिया कि सरकार ...
Read More »अंधी गली में भारत की अर्थव्यवस्था (भाग-1)
आज देश में बेरोजगारी और आर्थिक मंदी विस्फोटक स्थिति में हैं। लेकिन इस पर कहीं चर्चा नहीं हो रही है। सरकार की उपलब्धियां तो बतायी जा रही हैं लेकिन आम आदमी जिस परेशानी के दौर से गुजर रहा है उससे उसे सबका साथ सबका विकास का नारा भोथरा साबित होता ...
Read More »वामपंथ एक कैंसर है, इसको इग्नोर करने से काम नहीं चलेगा, इनकी जड़ पर एसिड डालना ज़रूरी
अजीत भारती वामपंथ के नाम पर आपको खूब इमोशनल अदरक-लहसुन सुँघाया जाएगा। वो कहेंगे कि ‘कामनिष्ठ मैनिफेस्टो’ पढ़ो। आप पूछिए कि क्यों पढ़ें? वो कहें कि मार्क्स के विचार पढ़ो, आप पूछिए कि क्यों पढ़ें? वो कहेंगे कि वामपंथ की विचारधारा उदारवादी है, आप कहिए कि नक्सलियों के हिमयाती और ...
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