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कमलेश तिवारी केस में एक और बड़ा सच आया सामने, फोन कॉल ने खोल दिये राज, यूपी के रहने वाले हैं युवक

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है, डीजीपी ओ पी सिंह के अनुसार जिस नंबर से आखिरी बार अभियुक्तों ने कमलेश तिवारी से बात की थी, उसी नंबर से गुजरात के कई नंबरों पर भी बात की गई है, पुलिस को इस हत्याकांड का सिरा तलाशने में आसानी हुई, ओपी सिंह ने बताया कि उन्होने खुद गुजरात डीजीपी से बात कर मदद मांगी है।

तीन हिरासत में
गुजरात एटीएस सीधे मिठाई की दुकान पर पहुंची, वहां सीसीटीवी खंगाला, तो एक युवक मिठाई खरीदता दिख रहा है, शिनाख्त में इस युवक की पहचान फैजान के रुप में हुई, देर रात एटीएस ने फैजान को गिरफ्तार कर लिया, फिर मोहसिन और राशिद को भी गिरफ्तार कर लिया, मामले में दो अन्य लोग गौरव तिवारी और मोहसिन के भाई को भी हिरासत में लिया गया था, बाद में दोनों को छोड़ दिया गया।संगठन से जुड़ने की इच्छा
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि गौरव तिवारी मूल रुप से यूपी का रहने वाला है, उसने कमलेश तिवारी को फोन कर उसके संगठन से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी, डीजीपी ने बताया कि उक्त दोनों व्यक्तियों को छोड़ भले ही दिया गया हो, लेकिन उन पर पूरी नजर रखी जा रही है, पकड़े गये तीनों युवकों का कोई आपराधिक इतिहास अब तक नहीं पता चला है।मौलाना भी हिरासत में
ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर में नामजद मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती मोईन कासिमी को भी हिरासत में लिया गया है, मामले में लखनऊ पुलिस, यूपी एटीएस, यूपी एसटीएफ, बिजनौर पुलिस और गुजरात पुलिस छानबीन कर रही है।यूपी के ही रहने वाले हैं युवक
डीजीपी ने बताया कि हत्या करने वाले जिन युवकों के नाम सामने आये हैं, वो गुजरात के सूरत में रह-रहकर अलग-अलग काम करते हैं, मूल रुप से ये यूपी के ही रहने वाले बताये जा रहे हैं, उन्होने नाम बताने से इंकार करते हुए कहा कि इससे अभी जांच प्रभावित हो सकती है, वहीं सूत्रों का दावा है कि गुजरात में गिरफ्तार रशीद पठान दुबई में भी रह चुका है, हालांकि उसने इस हत्याकांड के लिये फंडिंग की है या नहीं, इसकी तस्दीक नहीं हो पाई है।

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