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Auto Expo 2020: Cartist ने दिखाई मोबिलिटी की कला, कबाड़ कारों से बनाए फर्नीचर

नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा में आयोजित किए जा रहे Auto Expo 2020 में जयपुर के Cartist का विशेष पैवेलियन विजिटर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसमें कलाकारों द्वारा पेंट की गई कारें, ऑटो स्क्रेप से बने सजावटी सामान व फर्नीचर रेंज को लोगों द्वारा काफी सराहा जा रहा है। राजस्थान व भारत में ऑटोमोबाइल आर्ट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जयपुर के आर्टिस्ट हिमांशु जांगिड़ द्वारा बनाया गया कार्टिस्ट का मंच ऑटोमोबाइल व आर्ट का संयोजन है।

ऑटो एक्सपो में कार्टिस्ट पैवेलियन में ऑटोमोबाइल इंस्टॉलेशंस और कबाड़ हो चुकी कारों के पार्ट्स से बनाए गए कलात्मक फर्नीचर की विस्तृत रेंज तथा कारों के पार्ट्स से बनाए सजावटी सामान प्रदर्शित किए जा रहे हैं जो पूरी तरह से सस्टे​नेबिलिटी पर आधारित हैं। हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि जीवन में सस्टेनेबल सॉल्यूशंस अपनाने को बढ़ावा देने और वेस्ट फ्री भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्टिस्ट द्वारा ‘सस्टे​नेबिलिटी’ थीम तय की गई है। इस थीम के तहत कार्टिस्ट द्वारा अपसायकल, रीसायकल व रीयूज को भी बढ़ावा दिया जाता है।

कार्टिस्ट की ओर से यहां 4 इंस्टॉलेशंन बनाए गए हैं, जिनके जरिए सस्टे​नेबिलिटी का संदेश दिया जा रहा है। पहला इंस्टॉलेशन 8 फीट का एक पांव है, जिसे 6 युवा कलाकारों ने तैयार किया है।

कबाड़ हो चुकी कारों के वेस्ट मैटेरियल से बनाए इस इंस्टॉलेशन को सस्टेनेबिलिटी की दिशा में पहले कदम के तौर पर प्रदर्शित किया जा रहा है। दूसरा इंस्टॉलेशन भी 6 कलाकारों द्वारा बनाया गया है, जो एक पेड़ का डिजाइन है। सस्टेनेबिलिटी में पेड़ों की भूमिका को दर्शाने वाला यह इंस्टॉलेशन भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

ऑटो स्क्रेप से बनाया तीसरा इंस्टॉलेशन एक मक्खी का है। इसके जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि यह दुनिया तब तक रहेगी, जब तक मक्खी के जीवन का अस्तित्व है।

चौथे इंस्टॉलेशन के तहत एक कार को नाव का रूप दिया गया है। इसके जरिए जल प्रदूषण की गंभीर समस्या की ओर ध्यान खींचते हुए वाटर सस्टेनेबिलिटी का संदेश दिया गया है। इसमें बताया जा रहा है कि बढ़ते औद्योगीकरण की वजह से नदियां, तालाब, झीलें व समुद्र प्रदूषित हो रहे हैं। जलीय जानवरों की कई प्रजातियां या तो समाप्त हो गई है या फिर लुप्त होने के कगार पर हैं। इस संस्टॉलेशन के माध्यम से बताया गया है कि बढ़ते जल प्रदूषण की वजह से समुद्र में नावों व मछलियों, दोनों की संख्या घट रही है। ऐसे में लोग मछली पकड़ने व पानी से जुड़े खेलों का आनंद लेने से वंचित होते जा रहे हैं। ये चारों इंस्टॉलेशंस विजिटर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं और लोग इनके पास अपने फोटो व सेल्फी क्लिक कर रहे हैं।

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