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आधी रात में गैस लीक और चारों ओर तबाही का मंजर, जानें- विशाखापट्टनम हादसे पर 10 बड़े अपडेट

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल यूनिट में गैस रिसाव होने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है 20 से ज्यादा लोग गंभीर हैं. इस हादसे में करीब 150 बच्चों सहित 300 से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है. उनमें से ज्यादातर ठीक भी हो रहे हैं. यहां जानें घटना से जुड़े अब तक के 10 बड़े अपडेट्स-

1-विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के लगभग 2.30 बजे गैस रिसाव शुरू हुआ. उस वक्त लोग गहरी नींद में थे और उन्हें सांस लेने में भारी दिक्कत महसूस हुई. कई लोग नींद से अचानक जगे और बाहर भागने लगे. भागने के क्रम में लोग बेहोश हो गए. बाद में घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने इधर-उधर गिरे लोगों को अस्पताल पहुंचाया. कई लोगों को नींद से जगाकर बाहर निकाला गया.

2-शुरुआती जांच रिपोर्ट में पता चला कि गैस वाल्व में दिक्कत के कारण हादसा हुआ. बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात 2.30 बजे गैस वाल्व खराब हो गया और जहरीली गैस लीक कर गई. विशाखापट्टनम नगर निगम कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ है. रिसाव की शुरुआत सुबह 2.30 बजे हुई. गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए.

3-ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, “कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई केमिकल यूनिट को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया. कुछ समय बाद टैंकों में जमा गैस लीक होने लगी और तीन किलोमीटर के दायरे में फैल गई.” अधिकारियों के अनुसार, “स्टाइरीन और पेंटाइन गैसें संभवत: दुर्घटना का कारण बनीं.”

4-एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना सुबह 5.30 बजे मिली. आधे घंटे में टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है. आसपास के गांव से करीब 250 परिवारों को निकाला गया. साथ ही डोर टू डोर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. कंपनी के कंपाउंड से 500 लोगों को निकाला गया. इसमें कुछ लोगों की हालत गंभीर है. इसके साथ ही, एनडीआरएफ की एक्सपर्ट टीम को पुणे से विशाखापट्टनम बुलाया गया है.

5-एनडीआरएस के महानिदेशक एसएन प्रधान ने ‘आजतक’ से बातचीत में कहा की विशाखापट्टनम में लगातार इवेक्युएशन (फंसे लोगों को बाहर निकालना) का काम चल रहा है. एनडीआरएफ की टीम वहां पर मौजूद रहेगी. गैस लीकेज की वजह से अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 11 लोगों की मौत हुई है और 20 से 22 लोग गंभीर हैं. बाकी लोगों को अस्पतालों में पहुंचाया गया है. एनडीआरएफ की बायोलॉजिकल टीम अलग-अलग इलाके में जहां पर गैस का प्रभाव हो सकता है, वहां पर घर-घर जाकर छानबीन कर रही है. एक अधिकारी उस पूरे इलाके का दौरा भी कर रहा है.

6-राहत कार्य में जुटे अधिकारियों ने कहा, “रिसाव को बंद कर दिया गया है. यह गैस तेजी से फैलती है और इसलिए अब मरने वालों की संख्या में बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं है.” एलजी पॉलीमर भारत की पॉलीस्टाइन और एक्सपेंडेबल पॉलीस्टाइनिन की प्रमुख मैन्युफैक्चर में से एक है. दक्षिण कोरियाई समूह एलजी केमिकल के हिस्से वाली मुंबई स्थित एलजी पॉलीमर इंडिया कंपनी विशाखापट्टनम प्लांट की मालिक है.

7-अस्पतालों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, भर्ती लोगों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. स्टाइरीन (गैस) के लिए एक एंटीडोट्स है और इसलिए गैस को बेअसर करने के लिए हवा में पानी का छिड़काव किया गया है. पूरे वेंकटपुरम गांव (घटनास्थल) को खाली कराया गया. यहां से करीब 700 लोगों को निकाला गया. करीब 800 लोग अस्पताल में भर्ती हुए. हालांकि, उनमें से अधिकांश को छुट्टी दे दी गई है. घटना के कारणों की जांच चल रही है. फोरेंसिक टीम इस पर काम कर रही है.

8-आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने अमरावती में अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की. इसके बाद वे विशाखापट्टनम में चल रहे बचाव कार्यों की देखरेख के लिए व्यक्तिगत रूप से रवाना हुए. इस दुर्घटना ने साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है. विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए. सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.

9-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस बारे में सभी जानकारियां लीं. प्रधानमंत्री मोदी ने हालात को भांपने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई. दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाने और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात की है.

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