Wednesday , May 8 2024

पांच दिन गर्भवती को रखा भर्ती, नहीं किया ऑपरेशन; जच्चा-बच्चा की मौत

लखनऊ। 34 वर्षीय गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुई। परिवारजन मरीज को लेकर झलकारीबाई अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टर पांच दिन तक ऑपरेशन में हीलाहवाली करते रहे। हालत गंभीर होने पर सिजेरियन प्रसव कराया। वहीं, स्थिति बेकाबू होते देख इलाज से हाथ खड़े कर दिए। मरीज को रेफर कर दिया। ऐसे में उसकी मौत हो गई। मामले पर डीएम ने सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल, उतरेठिया निवासी नीलू (34) गर्भवती थीं। उनका इलाज झलकारीबाई अस्पताल में चल रहा था। समय पर सभी चेकअप कराएं। डॉक्टरों ने कार्ड भी बनाया। पति मुकेश के मुताबिक, 29 अप्रैल की रात को नीलू को प्रसव पीड़ा हुई। ऐसे में रात 11 बजे नीलू को झलकारी बाई अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर डॉक्टर से सिजेरियन प्रसव की गुहार लगाई। मगर, 30 अप्रैल को डॉक्टर अस्पताल में स्टाफ के रिटायरमेंट समारोह में व्यस्त रहीं। ऐसे में जनरल प्रसव का हवाला देकर ऑपरेशन टाल दिया। सामान्य प्रसव के इंतजार में नीलू की तबीयत बिगड़ती गई। समय पर अस्पताल पहुंचाने के बावजूद गर्भवती को समय पर सटीक इलाज नहीं मिला। ऐसे में दो मई को नीलू की हालत और बिगड़ गई।

ओटी में मरीज, खून के लिए दौड़ते रहे परिजन

ऑपरेशन से जन्में मृत बच्चे को परिवारजन को सौंप दिया। मुकेश के मुताबिक, इसके बाद डॉक्टर ने ब्लड सैंपल, फॉर्म थमकार दो यूनिट खून मंगाया। सिविल अस्पताल से एक यूनिट खून मिला। दूसरी, बार फिर फॉर्म-सैंपल दिया। इसके बाद केजीएमयू से तीन यूनिट खून लाकर गया।

बिना खून चढ़ाए किया रेफर, निजी अस्पताल में मौत

मुकेश के मुताबिक, डॉक्टरों को चार यूनिट कुल खून लाकर सौंपा। मगर, मरीज को चढ़ाया नहीं गया। वेंटिलेटर की आवश्कयता बताकर मरीज को रेफर कर दिया। ऐसे में मरीज की गंभीर हालत में एंबुलेंस में कोई डॉक्टर या स्टाफ भी नहीं भेजा गया। लिहाजा, मरीज की जान दांव पर देख कानपुर रोड स्थित निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने नीलू को मृत घोषित कर दिया। मामले की शिकायत डीएम से की है। उन्होंने 11 जुलाई तक सीएमओ को जांच करने के निर्देश दिए हैं।

क्या कहते हैं अफसर ?

झलकारी बाई अस्पताल सीएमएस डॉ. सुधा वर्मा के मुताबिक, गर्भवती के इलाज में लापरवाही से मौत की मुझे अभी कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई पत्र आता है तो मामले की जांच की जाएगी। जो भी डॉक्टर दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch