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जम्मू कश्मीर: PAK अधिकारियों के संपर्क में था DSP देवेंद्र सिंह, NIA ने दाखिल की चार्जशीट

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व डीएसपी देवेंद्र सिंह और हिज्बुल आतंकी समेत 5 आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पुलिस ने देवेंद्र सिंह को दो हिज्बुल आंतकी नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू,रफी अहमद राठर और इरफान सैफी मीर उर्फ वकील के साथ उस समय गिरफ्तार किया था जब देवेंद्र सिंह इनको राज्य की सीमा से बाहर ले जा रहा था. पुलिस ने इनके पास से एक AK-47, तीन पिस्तौल, गोलियां और बम बरामद किये थे. जम्मू पुलिस ने कश्मीर के काजीगुंड थाने में मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में जांच NIA को सौंप दी गयी थी.

NIA ने 17 जनवरी 2020 को इस मामले को जांच के लिया था और जम्मू-कश्मीर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी के बाद NIA ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया था जो कि सैयद इरफान अहमद, तनवीर अहमद वाणी और तारिक अहमद मीर थे. सैयद इरफान अहमद हिज्बुल आतंकी नाविद बाबू का भाई है. नाविद पहले जम्मू कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल था और 2017 में सरकारी राइफल लेकर फरार हो गया था और हिज्बुल आतंकी संगठन में शामिल हो गया था. तीनों गिरफ्तार आरोपी हिज्बुल के लिये पैसों का इंतजाम करते थे, आतंकियों को पनाह देते थे और हमले के लिये हथियार और एक्सपलोसिव का इंतजाम करते थे.

NIA ने अपनी जांच में पाया कि जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिये इन आतंकियों  को पाकिस्तान और वहां बैठा आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन मदद कर रहा है. इन्हीं लोगों के इशारों पर यहां बैठे आतंकी जम्मू कश्मीर में हालात खराब कर रहे हैं. पाकिस्तान में बैठा हिज्बुल का चीफ सैयद सलाहुद्दीन, डिप्टी चीफ आमिर खान, ऑप्रेश्नल हेड, खुर्शिद आलम, फाइनेंशियल हेड, नज़र महमूद दूसरे पाकिस्तानियों के साथ मिल कर भारत में कश्मीर में हालात खराब करने की कोशिश में लगे हुये हैं. देवेंद्र सिंह के साथ गिरफ्तार इरफान शैफी उर्फ वकील कई बार पाकिस्तान जा चुका है और वहां पर हिज्बुल के आतंकियों से भी मिल चुका है. इसके अलावा इरफान शैफी ISI के उमर चीमा, एहसान चौधरी, सौहेल अब्बास के अलावा दूसरे ISI के लोगों से भी मुलाकात कर चुका है. ISI ने इरफान सैफी को नया हवाला रूट बनाने के लिये कहा था जिसके जरिये कश्मीर में हालात खराब करने के लिये पैसे भेजे जा सके.

NIA की जांच में ये भी पता चला कि दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिशन के भी कुछ लोग इरफान सैफी के संपर्क में थे जो कश्मीर में हालात खराब करने के लिये पैसों का इंतजाम कर रहे थे. पाकिस्तान हाई कमिश्न के लोगों ने इरफान को सरकार के खिलाफ भड़काने के लिये लोगों को भी तैयार करने के लिये कहा था और इसके लिये बकायदा पैसे भी दिये गये थे. इसके अलावा इरफान सैफी कश्मीरियों को पाकिस्तान का वीजा भी दिलवाने में मदद करता था ताकि कश्मीरी पाकिस्तान जाये और वहां आतंकी संगठन और ISI उनको कश्मीर के खिलाफ तैयार करें. इसके लिये बकायदा पाकिस्तान हाई कमिशन से इरफान सैफी को निर्देश भी मिलते थे.

गिरफ्तार देवेंद्र सिंह भी पाकिस्तान हाई कमिशन के कुछ अधिकारियों से सोशल मीडिया के जरिये संपर्क में था और उनके कहने पर सरकार और ऑप्रेशन से जुड़ी खास जानकारियां पाकिस्तानियों तक पहुंचाया करता था.

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद हिज्बुल आतंकी नवीद बाबू ने कई हत्यायें पाकिस्तानियों के इशारे पर की. जिसमें ट्रक ड्राइवर और मजदूर भी शामिल थे. नवीद पाकिस्तान में बैठे हिज्बुल के चीफ के इशारे पर कश्मीर में आतंकियों की भर्ती की कोशिश कर रहा था. इसके लिये बकायदा उसे पाकिस्तान से LoC के जरिये व्यापार करने वाले व्यापारियों के जरिये पैसे भेजे जा रहे थे. गिरफ्तार तनवीर अहमद वाणी LoC व्यापार संगठन का Ex President भी था, वो इस काम में नवीद की मदद कर रहा था. इसके अलावा पाकिस्तान से बार्डर के जरिये देवेंद्र सिंह हथियारों, गोलियों और गोला बारूद की तस्करी करवा रहा था ताकि कश्मीर में आतंकवाद को फैलाया जा सके.

NIA की चार्जशीट के मुताबिक, देवेंद्र सिंह ने फरवरी 2019 में जब सुरक्षाबल नाविद बाबू की तलाश कर रहे थे. बाकी आरोपियों इरफान सैफी और सैयद इरफान अहमद को छिपाने में मदद की थी. इसके लिये देवेंद्र सिंह खुद की कार का इस्तेमाल किया करता था ताकि कोई भी पुलिसकर्मी चेकिंग के दौरान कार को न रोके. देवेंद्र सिंह न सिर्फ आतंकियों को पनाह दे रहा था बल्कि उन्हें हथियार भी दिलाने में मदद कर रहा था.

NIA की जांच में ये साफ हो गया कि कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिये पाकिस्तान में मौजूद हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकी, ISI और पाकिस्तानी सरकार से जुड़े लोग शामिल हैं.

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