मुरादाबाद के छजलैट में जनवरी 2008 में हुए बवाल के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को आरोपियों सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद में एडीजे-2 अनिल कुमार वशिष्ठ की कोर्ट में दोपहर 12.10 बजे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में आज तीन मामलों में सुनवाई हुई। छजलैट बवाल के अलावा छजलैट पुलिस ने वारंट होने के बाद भी हाजिर न होने पर उनके खिलाफ फरारी का मुकदमा कायम किया था।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता दिनेश पाठक और शाहनवाज सिब्तैन ने वारंट रिकॉल की अर्जी पेश की। जिस पर पहले से सुनवाई के लिए तैयार डीजीसी क्रिमिनल नितिन गुप्ता और कोर्ट के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीश भटनागर ने अर्जी का विरोध जताया। बताया कि आरोपी की ओर से इलाहाबाद में एक जनवरी,19 को बेल खारिज हो चुकी है। उच्च न्यायालय में राहत नहीं मिली। इसके बाद भी आरोपी हाजिर नहीं हुए।
दलील के बाद अदालत ने दोनों मामलों में सांसद व पुत्र को न्यायिक अभिरक्षा में सीतापुर जेल भेज दिया। इस दौरान सांसद व उनके बेटे को करीब सवा घंटे मुरादाबाद कोर्ट कस्टडी में रहना पड़ा।कोर्ट के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीश भटनागर ने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट में जया प्रदा पर टिप्पणी मामले में सुनवाई हुई। इस मामले में कटघर निरीक्षक कोर्ट में पेश हुए। बताया कि मुकदमा उनके थाने में कायम है लेकिन मामले की जांच रामपुर क्राइम ब्रांच कर रही है। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई पर क्राइम ब्रांच के विवेचक को केस डायरी और प्रपत्र समेत पेश होने के लिए कहा है।
यह था मामला
मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में दो जनवरी 2008 को पुलिस के गाड़ी चेक करने के दौरान विवाद हुआ था। इस दौरान सपा नेताओं ने रोड को जाम कर दिया था और पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। पुलिस इस मामले कुल नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला के साथ अन्य लोगों के नाम शामिल है। बवाल में अन्य विधायक आदि आरोपी पेश हो चुके है लेकिन आजम व बेटे के डेढ़ साल बाद भी हाजिर न होने पर पुलिस ने फरारी का मुकदमा भी कायम किया।