Wednesday , April 24 2024

जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी में अश्विनी उपाध्याय पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, पुलिस ने थाने बुलाया

नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत छोड़ो आंदोलन की एनिवर्सरी पर आयोजित प्रदर्शन के दौरान विवादित नारेबाजी करने वालों की अब खैर नहीं है. इस मामले में अब कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस मामले में AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी सोमवार को अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.

सोमवार को इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कल की घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा. दिल्ली पुलिस इस मामले को कानून के अनुसार कदम उठा रही है और कह रही है कि किसी भी तरह के सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस को शिकायत करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि “देश की राजधानी दिल्ली में संसद से कुछ ही दूर पर एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी देने वाले गुर्गों के ख़िलाफ पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत कर एनएसए और यूएपीए के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की. पीएमओ सबूत सामने होते हुए भी कार्रवाई में देरी आख़िर क्यों हो रही है?”

अश्विनी उपाध्याय ने पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर सफाई दी. उन्होंने अपने पत्र में लिखा “15 अगस्त की तरह 8 अगस्त भी एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था. इस ऐतिहासिक दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए ही 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा एक छोटा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. प्रीत सिंह संस्था के अध्यक्ष और अरविंद त्यागी इसके महामंत्री हैं. मैं इस संस्था का पदाधिकारी नहीं हूं.

यह कोई राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि 15 अगस्त की तरह ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन को याद करने के लिए आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए. आर वी एस मणि, फिरोज बख्त अहमद, लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, गजेंद्र चौहान और मैं सुबह 11 बजे मंच पर पहुंचे और भीड़ बढ़ने के कारण 12 बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया और हम सब वहां से चले गए.”

पत्र में उपाध्याय ने लिखा “सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है. कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर फेसबुक और वाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूं, न तो इनमें से किसी से मिला हूं और न तो इन्हें बुलाया गया था.

मैं आप से निवेदन करता हूं कि इस वीडियो की सत्यता के साथ साथ इसके बनाये जाने के समय और स्थान की जांच करने का निर्देश दें. यदि यह वीडियो सही तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करें और यदि असत्य है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करें.

मैं आपसे निवेदन करता हूं कि जांच पूरी होने तक इस वीडियो को शेयर न करने के लिए भी आवश्यक कार्यवाही करें. जिन लोगों ने इस वीडियो के साथ मेरा नाम जोड़ा है, उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दें.”

दरअसल, रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर के पास कुछ संगठनों द्वारा क्विट इंडिया मूवमेंट की एनिवर्सरी को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान अंग्रेज़ों के ज़माने के कुछ कानूनों का वापस लेने की मांग की गई, इसी दौरान विवादित नारेबाजी की गई. दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए कुछ वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जो लोग नारेबाजी कर रहे हैं, उन लोगों की पहचान की जा रही थी.

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