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राहुल गाँधी पर फिर आफत: NCPCR ने फेसबुक को किया तलब, रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले पोस्ट का मामला

नई दिल्‍ली। दिल्ली में 9 साल की बच्ची के रेप और हत्या के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी के खिलाफ कार्रवाई के लिए फेसबुक को नोटिस भेजे जाने के कुछ दिनों बाद अब एनसीपीआर ने फेसबुक इंडिया के प्रमुख (ट्रस्ट एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट) सत्या यादव को समन जारी किया है। उन्हें वीडियो साक्ष्य के साथ विभाग के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने 9 वर्षीय लड़की के माता-पिता के वीडियो पोस्ट करके POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन किया था।

शुक्रवार (13 अगस्त 0221) को एनसीपीसीआर ने सत्या यादव को राहुल गाँधी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर एक और पत्र लिखा। इससे पहले 10 अगस्त को आयोग ने पत्र लिखा था। आयोग ने जोर देकर कहा कि वह न केवल बाल अधिकारों के संरक्षण से संबंधित मामलों को देख रहा है, बल्कि उसने संरक्षण और बाल विकास के लिए कानूनों को लागू न करने से संबंधित मामलों का भी स्वत: संज्ञान लिया है।

NCPCR के मुताबिक, “आयोग ने राहुल गाँधी के इंस्टाग्राम पोर्टल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो पर संज्ञान लिया था, जिसमें नाबालिग लड़की पीड़िता के माता-पिता की पहचान का खुलासा किया गया था। पोस्ट को हटाने और राहुल गाँधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल के खिलाफ 3 दिनों के भीतर कार्रवाई करने के लिए मामले को फेसबुक इंक को भी भेज दिया गया था। हालाँकि, 03 दिन बीत जाने के बाद भी आपके द्वारा कोई जवाब अथवा कार्रवाई करने की रिपोर्ट सामने नहीं आई है।”


एनसीपीसीआर द्वारा फेसबुक इंक को लिखे गए पत्र का स्क्रीनशॉट

कानूनी निकाय ने सोशल मीडिया साइट्स को अपनी ताकत का अहसास कराते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि सीपीसीआर (बाल अधिकार संरक्षण आयोग) अधिनियम की धारा 14 के तहत किसी व्यक्ति को समन जारी करने / उसे पेश होने और उसकी जाँच करने, दस्तावेज पेश करने से संबंधित मामलों में एक दीवानी अदालत की सभी शक्तियाँ उसके पास हैं। वह किसी भी अदालत से साक्ष्य प्राप्त कर सकता है और गवाहों के दस्तावेजों की भी जाँच कर सकता है।

एनसीपीसीआर ने सत्या यादव को दिए अपने निर्देश में कहा, “आयोग सीपीसीआर अधिनियम-2005 की धारा 13 और 14 के तहत कार्यों और शक्तियों के अनुसरण में आपको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए व्यक्तिगत रूप से इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में के विवरण के साथ मंगलवार, 17 अगस्त 2021 को शाम 5 बजे चंद्रलोक भवन स्थित आयोग के कार्यालय में उपस्थित होने की आवश्यकता है। ताकि कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने और देरी के कारणों की व्याख्या की जा सके।” इसके अलावा आयोग ने फेसबुक इंक को सिविल प्रक्रिया संहिता-1908 के नियम 10 और 12 आदेश XVI के तहत आदेश का पालन नहीं करने पर ‘परिणाम’ भुगतने की भी चेतावनी दी है।


एनसीपीसीआर द्वारा फेसबुक इंक को लिखे गए पत्र का स्क्रीनशॉट

फेसबुक को राहुल गाँधी द्वारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो को हटाने का निर्देश

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के मालिक माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट फेसबुक इंक को 10 अगस्त को लिखे एक पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने कहा है कि आयोग को गाँधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर एक वीडियो मिला है। उसमें राहुल ने नाबालिग पीड़िता के परिवार की पहचान का खुलासा किया गया था। NCPCR द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, राहुल गाँधी द्वारा इंस्टाग्राम पर साझा किए गए वीडियो में POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 23 और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74 का उल्लंघन किया गया था।

इसलिए, एनसीपीसीआर ने फेसबुक से राहुल गाँधी द्वारा इंस्टाग्राम पर डाले गए वीडियो को हटाने के लिए कहा है क्योंकि यह बाल अधिकारों का उल्लंघन था। एनसीपीसीआर ने फेसबुक इंक को सूचित किया कि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74 किसी भी प्रकार के मीडिया में बच्चे की पहचान को उजागर करने को प्रतिबंधित करती है। इसके अलावा पोक्सो अधिनियम 2012 की धारा 23 में पीड़ित की पहचान को गुप्त रखने के बारे में कहा गया है।

एनसीपीसीआर ने निपुण सक्सेना बनाम भारत सरकार (2019) मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सुझाव दिया कि शीर्ष अदालत ने पीड़ितों की मृत्यु के बाद भी उनके विवरण का खुलासा नहीं करने के संबंध में विशिष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसलिए, बाल अधिकार निकाय ने माँग की है कि फेसबुक इंक राहुल गाँधी के खिलाफ पॉक्सो और जेजे अधिनियम का उल्लंघन करने के मामले में उचित कार्रवाई करे।

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