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‘लिबरल’ तालिबान दिखाने लगा रंग: हजारा नेता की प्रतिमा ध्वस्त, बुर्का नहीं पहनने पर हत्या, महिला गवर्नर को कैद

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के साथ ही हिंसा और अराजकता के एक नए दौर का सूत्रपात हो गया है। इसी क्रम में बुर्का नहीं पहने पर तालिबानी आतंकियों ने एक महिला की हत्या कर दी। वहीं बंदूक के दम पर देश में कब्जा करने वाले तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए अपनी आर्मी बनाने वाली महिला गवर्नर सलीमा माजरी को भी कैद कर लिया गया। जबकि हजारा नेता अब्दुल अली माजरी की प्रतिमा को भी तालिबानियों ने ध्वस्त कर दिया।

महिला की हत्या

तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद महिलाओं को शिक्षा और कुछ खास क्षेत्रों में काम करने की छूट देकर खुद को लिबरल दिखाने की कोशिश की थी, लेकिन इस बुर्का नहीं पहनने पर तालिबानी कट्टरपंथियों ने एक महिला की हत्या कर दी। यह वारदात वहाँ के तखर प्रांत में हुई। महिला ने सार्वजनिक जगह में बुर्का नहीं पहना था इसलिए उसे गोली मार दी गई। महिला की खून से लथपथ शरीर की तस्वीरें वायरल हो रही है। तालिबान ने स्पष्ट कहा है कि अब से अफगानिस्तान में महिलाओं को बुर्का नहीं, हिजाब पहनना होगा।

इस बीच तालिबानी लड़ाकों ने काबुल हवाई अड्डे में प्रवेश की कोशिश कर रहे लोगों को वहाँ से भगाने के लिए कोड़ों और धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया।

सलीमा माजरी को हिरासत में ले लिया

कल ही तालिबान ने 2300 खूंखार आतंकियों को रिहा किया है। वही तालिबान अफगानिस्तान में उसके नियमों और उसके शासन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को लगातार कुचलने की कोशिश कर रहा है। वह भले ही महिलाओं को आजादी देने की बात कर रहा है, लेकिन उसने उसके खिलाफ खड़ी होने वाली महिला महिला गवर्नर सलीमा माजरी को हिरासत में ले लिया है। सलीमा माजरी ने तालिबान के खिलाड़ लड़ने के लिए अपनी खुद की आर्मी बनाई थी।

ऐसे वक्त में जब अफगानिस्तान के शीर्ष राजनेता देश छोड़कर भाग गए, तब सलीमा माजरी बल्ख प्रांत के सरेंडर करने तक डटी हुई थीं। जबकि, उनका जिला चाहर तालिबान के कब्जे में चला गया है।

हजारा नेता की प्रतिमा को ध्वस्त किया

इस बीच ट्विटर यूजर सलीम जावेद ने ट्वीट किया है कि बामियान में तालिबान ने हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को उड़ा दिया है। इससे पहले तालिबानियों ने उनकी हत्या कर दी थी और बुद्ध की विशाल मूर्तियों और सभी ऐतिहासिक और पुरातत्व स्थलों को उड़ा दिया था।

सलीम ने अगले ट्वीट में सलीम ने कहा, “यह पुष्टि की गई है कि काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में तालिबान के प्रवक्ता के ‘माफी’ और सभी नागरिकों के बुनियादी अधिकारों के सम्मान के आश्वासन के ठीक बाद, बलिदानी मजारी की प्रतिमा को कल शाम उड़ा दिया गया था।”

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