Friday , November 22 2024

यूक्रेन पर रूस गिरा सकता है ‘सभी बमों का बाप’

रूस और यूक्रेन अब एक दूसरे के सामने आ गए हैं. दोनों ही देश एक दूसरे के खिलाफ अपनी ताकत दिखा रहे हैं. यूक्रेन के अंदर रूसी टैंक दाखिल हो चुके हैं. वहीं यूक्रेन ने भी दावा किया है कि उन्होंने भी रूस को करारा जवाब दिया है. यूक्रेन में कई धमाके दिखाई दिए हैं. कई लोगों की मौत और घायल होने की खबरें भी आई हैं.

NATO के दखल के बाद रूस ने भी अपना पक्ष एकदम स्‍पष्‍ट रखा है. कुल मिलाकर रूस, यूक्रेन के खिलाफ पीछे हटने के मूड में नजर नहीं है. इसी बीच यूक्रेन और रूस की ताकत की चर्चा भी जोर शोर से चल रही है. लेकिन रूस यूक्रेन से सैन्‍य क्षमता में काफी आगे है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास ‘फॉदर ऑफ ऑल बम’ (FOAB) है. यह एक नन न्यूक्लियर बम है, लेकिन काफी शक्तिशाली है. ब्रिटिश मीडिया ने तो सूत्रों के हवाले से यह भी लिखा है कि पुतिन ने यूक्रेन में इस बम के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है.

ब्रिटिश अखबार मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा विभाग के सूत्रों ने जानकारी दी है कि राष्ट्रपति पुतिन ने Father of All Bombs के इस्तेमाल का आदेश दे दिया है. इसका इस्तेमाल झटका देने और डराने (“shock and awe” campaign) के लिए किया जा सकता है. नन न्यूक्लियर होने के बावजूद इसका असर काफी भीषण होगा.

FOAB को रूस ने साल 2007 में डेवलप किया था

रूस के पास जो ये बम है, वह थर्मोबेरिक बम है. ये 300 मीटर के रेडियस में ब्‍लास्‍ट करने के बाद नुकसान पहुंचा सकता है. FOAB को रूस ने साल 2007 में डेवलप किया था. 2007 में जब ये लॉन्‍च किया गया था तो ये कहा गया था कि ये अमेरिकी वर्जन से 4 गुना ज्‍यादा ताकतवार है.

अगर इसकी तुलना अमेरिका के ‘मदर ऑफ ऑल बम’ (MOAB) से तुलना की जाए तो उससे काफी शक्तिशाली है, MOAB बम की तुलना में ये 4 गुना बड़ा है. रूसी बम 44 टन TNT का है. TNT को सामान्‍य भाषा में एक बम की विस्‍फोटक क्षमता के तौर पर देखा जाता है.

अमेरिका ने किया था MOAB का प्रयोग 
इससे पहले अमेरिका ने 2017 में इस्‍लामिक स्‍टेट के खिलाफ MOAB का प्रयोग किया था. MOAB मतलब ‘मदर ऑफ ऑल बम’. इसे अमेरिका ने पहली बार इस तरह के ऑपरेशन में यूज किया था. हालांकि, तब अमेरिकी सरकार ने धमाके में मारे गए लोगों की संख्या बताने से इनकार कर दिया था. सरकार ने कहा था कि सुरंग में घुसकर डेड बॉडी की गिनती करना कोई अच्छा आइडिया नहीं होता. वहीं, इसकी टेस्टिंग फ्लोरिडा में मौजूद इग्‍लेन एयरफोर्स बेस में 21 नवम्‍बर 2003 को हुई थी.

चीन ने दिया था अमेरिका को जवाब 
चीन ने भी साल 2019 में अमेरिका को जवाब देने के उद्देश्‍य से इस तरह के एक भारी भरकम बम को तैयार किया था. टेस्टिंग के दौरान इस बम को Xian H-6K बॉम्बर से गिराया गया था. ये किसी भी इमारत, सैन्‍य संस्‍थान को नेस्‍तानाबूत कर सकता है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch