रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो चुका है. दोनों ही सेनाओं की तरफ से ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं. स्थिति बद से बदतर की ओर जाती दिख रही है. इस बीच अब ‘चालाक’ चीन ने भी अपनी चाल चल दी है. यहां रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वहीं दूसरी तरफ चीन की तरफ से भी ताइवान की धरती पर लड़ाकू विमान भेज दिए गए हैं.
अब चीन और ताइवान की तनातनी कोई नई बात नहीं है. कई मौकों पर चीनी सेना की तरफ से वहां पर अतिक्रमण भी किया गया है. अकेले एक महीने के अंदर चीन के लड़ाकू विमानों द्वारा 12 बार अतिक्रमण किया गया है. अब एक बार फिर चीन के 9 लड़ाकू विमान ताइवान की आसमान पर देखे गए हैं. जवाबी कार्रवाई में ताइवान ने भी अपने एयरक्राफ्ट वहां भेजे और रेडियो के जरिए चेतावनी दी गई.
जानकारी दी गई है कि चीनी लड़ाकू विमानों को ADIZ क्षेत्र में देखा गया है. ये वो क्षेत्र होता है जो किसी देश के हवाई क्षेत्र से से आगे का होता है और जब भी कोई दूसरा विमान यहां पर आता है तो उसे air traffic controllers के सामने अपनी पहचान बतानी पड़ती है. अब चीन क्या करता है, वो हर बार इस क्षेत्र में अपने विमानों का अतिक्रमण करता रहता है. अभी तक चीन की तरफ से 40 मिलिट्री एयरक्राफ्ट यहां भेजे जा चुके हैं. इसमें 12 तो लड़ाकू विमान हैं और 17 spotter प्लेन हैं.
वैसे इस अतिक्रमण के मायने इसलिए भी ज्यादा बढ़ जाते हैं क्योंकि कल ही चीन ने एक जारी बयान में कहा था कि ताइवान कोई यूक्रेन नहीं है और ताइवान हमेशा से चीन का एक अभिन्न हिस्सा रहा है. चीन की इस धमकी के बाद से ही ताइवान में सुरक्षा को काफी मुस्तैद कर दिया गया है और चीन संग सटे बॉर्डर पर हाई अलर्ट कर दिया गया है. वैसे जो आशंका ताइवान को है, वैसा ही कुछ ब्रिटेन और दूसरे देशों को भी लगता है. वे भी मानकर चल रहे हैं कि चीन रूस की तरह ताइवान पर हमला कर सकता है. लेकिन अभी के लिए ये सब अटकलें हैं और सिर्फ तनाव बढ़ाने का काम कर रही हैं.
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