यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद दुनिया भर के शेयर बाजार बिकवाली के प्रेशर से जूझ रहे हैं. इस बिगड़े माहौल में घरेलू बाजार भी पिछले 3 सप्ताह से गिरावट का सामना कर रहा है. इस बीच अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के एक इशारे से बाजार को बेहद जरूरी सहारा मिला और गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ग्रीन जोन में खुले.
सिंगापुर में निफ्टी का फ्यूचर और प्री-ओपन ट्रेंड दोनों से यही अंदाजा लग रहा था कि आज बाजार को राहत मिल सकती है. प्री-ओपन सेशन में बीएसई सेंसेक्स 450 अंक से ज्यादा चढ़ा हुआ था. वहीं एसजीएक्स निफ्टी भी 0.11 फीसदी की तेजी में था. सेशन ओपन होने के बाद चंद मिनटों के कारोबार में बाजार वोलेटाइल ट्रेंड दिखा रहा था. एक समय 470 अंक से ज्यादा चढ़ जाने के बाद सेंसेक्स की बढ़त कुछ कम हो गई. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स करीब 350 अंक की तेजी के साथ 55,800 अंक से थोड़ा ऊपर ट्रेड कर रहा था. एनएसई निफ्टी करीब 110 अंक की बढ़त लेकर 16,700 अंक से ऊपर बना हुआ था.
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कल कहा कि मौजूदा हालात के बाद भी ब्याज दर बढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने साफ संकेत दिया कि फेडरल रिजर्व अगली बैठक में ब्याज दर 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है. कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर को घटा दिया था. अभी अमेरिका में ब्याज दर लगभग जीरो है और यह इसका हिस्टॉरिकल लो लेवल है. हाल में महंगाई कई दशक के हाई पर पहुंच जाने से फेडरल रिजर्व के ऊपर ब्याज दर बढ़ाने का दबाव है.
इससे पहले बुधवार को एक समय 1000 अंक से भी ज्यादा गिरने के बाद सेंसेक्स अंतत: 778.38 अंक (1.38 फीसदी) के नुकसान के साथ 55,468.90 अंक पर बंद हुआ था. इसी तरह एनएसई निफ्टी 187.95 अंक (1.12 फीसदी) के नुकसान के साथ 16,605.95 अंक पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान निफ्टी एक समय 200 अंक से ज्यादा के नुकसान में चला गया था. मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में बंद थे. उससे पहले सप्ताह के शुरुआती सेशन में सोमवार को बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली थी. पूर्वी यूरोप से आ रही खबरों के हिसाब से बाजार ऊपर-नीचे हो रहा था. सोमवार को 15 सौ अंक से ज्यादा के दायरे में घूमने के बाद बाजार बढ़त में रहा था.
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