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उपद्रवियों की पैरवी करने पहुंचे सपा विधायक तो CO ने कहा- ‘तुरंत निकलिए, वरना बैठाने के लिए बहुत जगह है’

मुरादाबाद/लखनऊ। 10 जून को उत्तर प्रदेश कई जगहों पर हिंसा हुई थी, इस हिंसा के आरोप में कई जिलों में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया है। मुरादाबाद में भी कई लोग पत्थरबाजी और हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। जिनकी पैरवी करने के लिए सपा विधायक कमाल अख्तर शनिवार को पुलिस लाइन पहुंचे थे लेकिन उनके पहुंचते ही CO ने उन्हें चेतावनी देते हुए, वहां से तुरंत वापस चले जाने के लिए कहा तो कमाल अख्तर तुरंत पुलिस लाइन से बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल हो रहा है।

खबरों की मानें तो पहले कमाल अख्तर कुछ महिलाओं के साथ अस्पताल पहुंचे थे जहां आरोपियों का मेडकल टेस्ट करवाया जा रहा था। इसके बाद वह पुलिस लाइन भी पहुंच गए, जहां आरोपियों को जेल भेजे जाने से पहले रखा गया था। जैसे ही कमाल अख्तर अपने समर्थकों के साथ पुलिस लाइन में दाखिल हुए तो सीओ कोतवाली महेश चंद्र गौतम ने उन्हें फटकार लगाते हुए तुरंत पुलिस लाइन से बाहर जाने के लिए कहा। सीओ ने कहा- “आप लोग तुरंत पुलिस लाइन से बाहर चले जाइए, वरना मेरे पास बैठाने की और भी जगह हैं, पहले से ही काफी लोग मैंने यहां बैठा रखे हैं।”

इसके बाद कमाल अख्तर वहां से निकल जाते हैं। इस पर जब वहां मौजूद मीडियाकर्मी कमाल अख्तर से सवाल पूछते हैं तो उनका कहना था कि “अरे कोई मामला नहीं है वो तो बात करने आए थे। अभी बात चल रही है।” सोशल मीडिया पर इस वायरल वीडियो पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सुशील नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पुलिस की ये बहुत अच्छी कार्रवाई है, काश ये पूरे देश में लागू हो पाता।’ शिशु कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘गजब बेइज्जती है भाई। विधायक जी को कौन ऐसे बाहर करता है, पर क्या करें यूपी में बाबा जो बैठे हैं।’

एक यूजर ने लिखा कि ‘सोचिए अगर सपा सरकार होती तो तो क्या आलम होता , बाबा हैं यहां किसी की नेतागीरी नहीं चलेगी।’ उदय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विधायक ,सांसद या पार्षद जो भी हैं, जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें पूरा अधिकार होता है अपनी बात रखने का, किसी भी प्लेटफार्म पर।’ महेंद्र प्रताप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विधायक जी ये भईया (अखिलेश यादव) जी का शासन नहीं है ,जरा सम्भल कर क्योंकि योगी जी मुख्यमंत्री हैं।’

बता दें कि 10 जून को मुरादाबाद में नमाज के बाद बड़ी संख्या में भीड़ सड़कों पर उतर आई थी। नूपुर शर्मा को फांसी दो के नारे भी लगाये गये थे। इतना ही नहीं नूपुर का सिर कलम करने के पोस्टर भी लहराए गए थे। इसके साथ ही दुकानों को बंद करवाने की कोशिश की गई थी जिसके बाद हंगामा हो गया, फिर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। हंगामा करने का आरोप में पुलिस ने 80 अज्ञात लोगों के साथ 10 नामजद लोगों पर FIR दर्ज की थी। इससे पहले  सपा सांसद एसटी हसन ने कहा था कि सरकार धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली एक महिला को जेल नहीं भेज सकती। बच्चों ने इतना बड़ा अपराध नहीं किया है, जो उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
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