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गोवा में कांग्रेस के हाथ से ‘फिसले’ विधायक! सोनिया गांधी ने डैमेज कंट्रोल के लिए भेजा अपना ‘दूत’

नयी दिल्ली। महाराष्ट्र के बाद अब गोवा में सियासी उथलपुथल मच गई है. गोवा कांग्रेस में लगी बगावत की आग को बुझाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने कवायद तेज कर दी है. पार्टी ने माना है कि उसके 11 में से 5 विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. गोवा में कांग्रेस के इंचार्ज दिनेश गुंडूराव ने माइकल लोबो और दिगंबर कामत का नाम लेते हुए बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी में फूट डालने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी मोटी रकम का लालच देकर कांग्रेस के दो-तिहाई विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. इस बीच, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक को डैमेज कंट्रोल के लिए गोवा रवाना कर दिया है. गोवा विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जहां इस मामले को लेकर हंगामा हो सकता है.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रविवार देर रात ट्वीट करके बताया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष ने सांसद मुकुल वासनिक को गोवा में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए वहां जाने को कहा है.’’ इससे पहले, कांग्रेस पार्टी ने माइकल लोबो पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटा दिया. गोवा में कांग्रेस मामलों के इंचार्ज दिनेश गुंडू राव ने रविवार को माना था कि लोबो और कामत के अलावा पार्टी के तीन अन्य विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. राव ने कहा कि (विपक्ष के नेता) माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत गोवा में कांग्रेस में दलबदल सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे. पार्टी ने लोबो को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने का फैसला किया है.

गोवा में कांग्रेस के कुछ विधायकों के सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि भाजपा का ‘धन तंत्र’ है. पंढरपुर में भगवान विट्ठल की पूजा करने के बाद उन्होंने पुणे में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में से 8 के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि इनमें से कितने विधायक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग की जांच का सामना कर रहे हैं. यदि आप इसके बारे में जानते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि यह भाजपा का धनतंत्र है.

बता दें कि गोवा में सत्तारूढ़ भाजपा के पास 20 विधायक हैं और उसे पांच अन्य का भी समर्थन प्राप्त है. इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 सीट पर जीत हासिल की थी. गोवा में यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब हाल ही में पड़ोसी महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सत्तारूढ़ शिवसेना के कुछ विधायकों के बागी हो जाने के कारण महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई.
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