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चीन में Covid का ‘पैनिक अलार्म’: दवाइयां नहीं तो इम्यूनिटी वाले संतरों को लेकर मची मार, डिटेंशन सेंटर में बिस्तर उखाड़ने पर तुले मरीज

Covid के BF.7 वैरिएंट से चीन में मचा हाहाकार. नई दिल्ली। भारत में कोरोना के नए केस आने लगे हैं. 24 घंटे के अंदर देश में कोरोना के 201 नए केस सामने आए. कोरोना के लेकर सरकारें भी एक्शन में हैं. चीन से सबक लेकर कोरोना को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. विदेशी यात्रियों की निगरानी बढ़ा दी गई है. आज से एयरपोर्ट पर रैंडम टेस्टिंग शुरू हो गई है. किसी भी यात्री के पॉजिटिव आने पर जीनॉम सीक्वेंसिंग भी होगी. उधर, चीन में इस वक्त हालात ऐसे हैं कि वायरस की मार झेल रहे लोग सड़कों पर उतर आए हैं. शी जिनपिंग सरकार की तानाशाही के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. अभी तक चीन कोरोना के आंकड़ों को दुनिया से छिपा रहा था, लेकिन अब खुद चीन के लोग सोशल मीडिया पर कोरोना से जूझते चीन का सच बता रहे हैं.

‘कोरोना डिटेंशन सेंटर’  में कैद लोग 

एक वीडियो शंघाई का हेल्थ सेंटर का भी सामने आया है है जिसे आप ‘कोरोना डिटेंशन सेंटर’ कह सकते हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यहां डिटेन किया गया है और वो यहां के हालात को लेकर जमकर चीख-पुकार मचा रहे हैं.

राष्ट्रपति को चीख-चीखकर कोस रहा मरीज

दरअसल, बिस्तर पर लेटा मरीज अपने पैर पटक रहा है, वो कह रहा है – हे भगवान मुझे और कितने दिन रहना होगा.

बिस्तर पर चीखता चिल्लाता मरीज.

दरवाजे पर लात मार रही महिला

वहीं, डिटेंशन सेंटर से किसी भी हाल में भाग निकलने की कोशिश में ये महिला दरवाजे पर लात मार रही है. चीनी भाषा में ये कह रही है – मुझे घर जाना है. साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पूछ रही है – तुमने कहा था हमने कोरोना से लड़ाई जीत ली, तो फिर मैं यहां क्यों बंद हूं? मेरे साथ ऐसा सलूक क्यों हो रहा है? मेरे पास खुद को स्वस्थ साबित करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है.. क्या तुम मुझे इसी की सजा दे रहे हो?

डिटेंशन सेंटर में दरवाजा पीटती महिला.

10 लाख कोरोना केस रोजाना 

लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी के मुताबिक, अभी चीन में रोजाना 10 लाख कोरोना केस सामने आ रहे हैं. 24 घंटे में 5 हजार मौतें हो रही हैं. यही रफ्तार रही तो जनवरी में डेली केस बढ़कर 37 लाख पर पहुंच जाएंगे. मार्च में ये आंकड़ा 42 लाख हो सकता है. इससे पहले एक अनुमान के मुताबिक बताया गया था कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं.

सिर्फ चीखें सुनाई दे रहीं

चीन में कोरोना की नई लहर ने हाहाकार मचा रखा है. अस्पतालों में जगह नहीं है, बीजिंग के सबस बड़े श्मशान में चौबीसों घंटे शवदाह का काम चल रहा है.  उसके बाद भी कई घंटे इंतजार करना पड़ा रहा है. मगर इसके बावजूद चीन झूठ बोल रहा है. वो महज कुछ हजार लोगों के संक्रमित होने की बात कर रहा है जबकि करोड़ों लोग संक्रमित हैं और हर दिन 5 हजार लोगों की मौत हो रही है. चीन के अंदर से आ रही रिपोर्ट चीन की भयावह स्थिति  को दिखा रही है.

दावों के मुताबिक, चीन में रोजाना 10 लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं. 24 घंटे में करीब 5 हजार मौत हो रही हैं. ऐसे ही चलता रहा तो जनवरी में रोजाना कोरोना के नए केस 37 लाख पर पहुंच जाएंगे. वहीं, मार्च में ये आंकड़ा 42 लाख हो जाएगा.

21 लाख लोग बेमौत मारे गए 

लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने अपने अनुमान के मुताबिक चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख लोग बेमौत मारे जा सकते हैं. लेकिन तस्वीरों के उलट चीन आज भी दुनिया को धोखा देने से बाज नहीं आ रहा. चीन ने पिछले 24 घंटे में महज 4 हजार मामलों की पुष्टि की है. लेकिन चीन की पोल वहां से लगातार आ रही तस्वीरें खोल रही हैं.

 न कोरोना काबू में और न चीन के लोग

एक वीडियो दक्षिण चीन के शेनजेन का वायरल हुआ है, जिसमें देखा जा सकता है कि सैकड़ों लोग इलाज के लिए कतार में खड़े नजर आ रहे हैं. ये उस चीन की हकीकत है जिसने जीरो कोविड पॉलिसी के नाम पर करोड़ों लोगों कैद कर कोरोना को रोक रखा था. अब न कोरोना काबू में है और न चीन के लोग.

शी जिनपिंग के खिलाफ भड़क उठे चाइनीज

– दरअसल, चीन में इस वक्त वो हो रहा है, जो पिछले 34 सालों में नहीं हुआ. आज चीन की जनता गुस्से से फट पड़ी है. मौत को साक्षात सामने देख, चीन के लोग वहां की सत्ता के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. 1989 के बाद चीन में ऐसा विरोध प्रदर्शन पहली बार हो रहा है.

– खासकर शी जिनपिंग के राज में किसी चाइनीज ने इतनी हिम्मत नहीं दिखाई कि वो सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी या विरोध प्रदर्शन कर सके. लगता है कि आज कोरोना से जूझते चीन ने सोच लिया है. मौत तो कोरोना से भी आनी है, फिर उस सत्ता के खिलाफ क्यों न चीखा जाए, जिसने आज लोगों को ज़िंदगी और मौत के बीच तड़पता हुआ छोड़ दिया है.

– जिस तरह से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बेसिर-पैर के ज़ीरो कोविड पॉलिसी लागू की, और फिर उसे खत्म कर दिया, चीन की जनता के सब्र का बांध अब टूट पड़ा है. चीन के वुहान से सामने आए एक  वीडियो में लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तानाशाही के खिलाफ़ गरज रहे हैं. सड़कें जम कर दी गई हैं. पुलिस के वाहनों को रोक लिया गया है. लोगों ने चीन के उस मैग्नेटिक अलार्म को तोड़ दिया, जिसके बाद लोगों को 14 दिनों के लिए घरों में कैद कर दिया जाता है.

मानो आधा शहर अस्पताल के इर्द-गिर्द घूम रहा 

चीन में कोरोना की त्रासदी इससे भी समझी जा सकती है कि ज़रूरी दवाएं भी नहीं मिल रही हैं. एक्टर वांग जिनसॉन्ग सामान्य लोगों के मुकाबले बेहतर स्थिति में होने के बावजूद अपनी मां को दवा नहीं दिला पाए. कई जगह जरूरी दवाओं की कीमत 200% से ज्यादा बढ़ गई है, लोग अपने मरीज का बुखार कम करने के लिए इबुप्रोफेन की एक गोली के लिए 50 युआन यानी करीब 600 रुपए तक देने के लिए तैयार हैं.

बेड नहीं है… दवाई नहीं

लोग कह रहे हैं कि जिनपिंग की सरकार उन लोगों को अरेस्ट क्यों नहीं करती, जो दवाएं ज्यादा कीमत में बेच रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा, ”मैं एक महीने में जितना कमाता हूं, वो इलाज और दवा पर खर्च करने के बराबर नहीं है. हर कोई मौत से डरता है. ये बीमारी बहुत दर्दनाक है और दवाओं की समस्या है.”

कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा

चीन की मीडिया और सोशल मीडिया से आ रही खबरें बताती हैं कि चीन कोरोना के सामने पस्त पड़ गया है. चीन के सर्वे के मुताबिक, पाबंदियां हटाए जाने के बाद चीन के ज्यादातर रीजन में कोविड इन्फेक्शन अचानक बढ़ गया है.

 – चीन के शंघाई में इंफेक्शन रेट 51 फीसदी है
– बीजिंग में इंफेक्शन रेट 69.2 परसेंट पहुंच चुका है
– गुआंगडंग में 28 फीसदी
– जिआंगसु में 43.7 %
– और चीन के जेजिआंग में इंफेक्शन रेट 31.4 पहुंच चुका है.

बीजिंग और शंघाई में बुरे हालात

चीन में सबसे बुरे हालात दो सबसे बड़े शहरों बीजिंग और शंघाई के हैं. जहां कोरोना का कहर बेकाबू हो चुका है. उसे काबू में करने में चीन की नाकामी तमाम वीडियो के जरिए सामने आ रही है.

54 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित

शंघाई के डेजी अस्पताल ने बुधवार को अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट में बताया कि शहर में इस समय 54 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं. महीने के अंत तक ये संख्या बढ़कर 1.25 करोड़ तक जा सकती है.

शवों का लगा अंबार

चीन में जहां संक्रमण सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है, वहीं कोरोना से होने वाली मौत भी आसमान छू रही है. बीजिंग के शवदाह गृह में शवों का अंबार है. लोग अब भी कई घंटे तक गाड़ियों में अपनों के शव लेकर इंतजार कर रहे हैं. अंतिम संस्कार से जुड़े सामानों की बिक्री करने वाले स्टोर कह रहे हैं कि उनका कोराबार कई गुना बढ़ गया है. लेकिन चीन की जिनपिंग सरकार अब भी आंकड़े छिपा रही है.

तीन साल में सबसे ज्यादा केस 

WHO की साप्ताहिक रिपोर्ट में सात दिसंबर तक चीन में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को दिखाया गया है. 4 दिसंबर तक ये मामले 28,859 थे, जो बीते तीन सालों में चीन में सबसे ज्यादा है. चीन के सरकारी आंकड़ों में 2019 से अभी तक मरने वालों की संख्या महज 5,241 है. इस बार चीन ने सात दिसंबर को जीरो कोविड पॉलिसी को वापस ले लिया. उसके बाद से उसने डब्ल्यूएचओ को कोई डेटा नहीं भेजा है.

बहरहाल, चीन का सच छिपाना दुनिया के लिए घातक हो सकता है. लेकिन चीन का रवैया शुरू से ऐसा ही रहा है. यही वजह है कि दुनिया चीन पर भरोसा नहीं करती है और चीन से आ रही इन तस्वीरों ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है.

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