लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया गया है. बिना बताए लंबे समय से गायब रहने पर 2011 बैच के आईएएस अफसर अभिषेक सिंह को निलंबित किया गया है और वर्तमान में प्रतीक्षारत हैं. इससे पहले अभिषेक गुजरात चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने के कारण प्रेक्षक के पद से हटा दिए गए थे.
अभिषेक सिंह को 2015 में 3 साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई थी. 2018 में प्रतिनियुक्ति की अवधि 2 वर्ष के लिए बढ़ाई गई और वह मेडिकल लीव पर चले गए, इसलिए उन्हें दिल्ली सरकार ने 19 मार्च 2020 को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया. इसके बाद भी लंबे समय तक उन्होंने यूपी में जॉइनिंग नहीं की.
10 अक्टूबर 2022 को नियुक्ति विभाग ने आईएएस अभिषेक सिंह का पक्ष मांगा, जिसका भी कोई उत्तर नहीं मिला. इसी बीच 30 जून 2022 को उन्होंने यूपी में जॉइनिंग दी. आईएएस अफसर अभिषेक सिंह ने अवमुक्त होने के बाद भी अभी तक नियुक्ति विभाग में अपनी योगदान की आख्या नहीं दी है.
यूपी सरकार ने इस कृत्य को अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली 1968 के नियम 3 का उल्लंघन मानते हुए आईएएस अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबन कर राजस्व परिषद से संबंध कर दिया है और उन्हें निर्देशित भी किया गया है कि सप्ताह की अवधि में बिना लिखित अनुमानित प्राप्त किए मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे.
इससे पहले प्रदेश सरकार ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग को प्रेक्षकों की सूची भेजी थी, जिसमें उनका नाम शामिल था. उन्होंने प्रेक्षक का काम भी ग्रहण कर लिया, लेकिन कार के आगे फोटो खिंचवाने के मामले में वह चर्चा में आ गए और निर्वाचन आयोग ने उचित आचरण ना किए जाने पर 18 नवंबर 2022 को उन्हें प्रेक्षक ड्यूटी से हटा दिया था.
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