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एक कन्हैया लाल, पीछे थे बुटीक वाला वसीम, चिकन वाला मोहसिन, चश्मे वाला आसिफ, चूड़ी वाला जावेद… इनकी रेकी से ही कटा था गला

नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में 28 जून, 2022 को हुए टेलर कन्हैया लाल तेली हत्याकांड की जाँच कर रही NIA ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। 3500 पन्नों की इस चार्जशीट में कई नए खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस निर्मम हत्या में एक पूरी गैंग ने मिल कर काम किया जिसमें कन्हैया लाल के कुछ मुस्लिम पड़ोसियों ने भी रेकी की भूमिका निभाई। दावा यह भी किया गया है कि इस हत्याकांड को पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर अंजाम दिया गया था।

पाकिस्तानियों के इशारे पर हिंदुस्तानी का कत्ल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NIA की चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया लाल की हत्या के लिए बाकायदा एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में कई पाकिस्तानी भी शामिल थे। गैंग का लीडर पाकिस्तान के कराची में बैठा सलमान अत्तारी बताया जा रहा है, जो कन्हैया लाल की हत्या का मास्टरमाइंड भी है। बताया गया है कि सलमान ने अपने अन्य पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ उस व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुड़े भारतीय मुस्लिमों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काया। यहीं पर उसने नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों के सिर काटने के लिए भी कहा।

इस व्हाट्सएप्प ग्रुप में तहरीक एक लब्बैक पार्टी (TLP) नाम के संगठन से जुड़े कट्टरपंथी अपनी विचारधारा फैला रहे थे। दावा ये भी किया जा रहा है कि कन्हैया लाल का कातिल मोहम्मद गौस कराची के सलमान अत्तारी से मिल भी चुका था। इस व्हाट्सएप ग्रुप में PFI से ताल्लुक रखने वाले लोग भी जुड़े बताए गए हैं। आखिरकार पाकिस्तानी आकाओं ने कन्हैया लाल की हत्या कर के उसका वीडियो बनाने और दहशत फ़ैलाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा वायरल करने का फरमान दिया जिस पर उदयपुर में अमल किया गया।

पड़ोसियों ने किया इशारा तो दुकान में घुस कर मारा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NIA की चार्जशीट में कन्हैया लाल की हत्या में जिस रैकेट की सक्रिय भूमिका बताई गई, उस गैंग में कट्टरपंथियों की संख्या 9 है। ये सभी गिरफ्तार आरोपित अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं। चार्जशीट के मुताबिक, आरोपितों ने प्रशिक्षित आतंकियों जैसे अपनी-अपनी साजिश को अंजाम दिया। 32 साल का वसीम अली इसी गैंग का मेंबर है। वसीम की बुटीक की दुकान है जो कन्हैया लाल के घर के पास है। इसी ने कन्हैया लाल के घर आने और जाने की लगातार जानकारी कातिलों तक पहुँचाई थी।

प्लानिंग और कातिलों की टीम तैयार होने के बाद इस गैंग ने रेकी करने वालों को शामिल किया। रेकी का पहला जिम्मा कन्हैया लाल के घर के बगल पाकीजा नाम से बुटीक की दुकान चलाने वाले 32 साल के वसीम अली को मिला। वसीम ने अपना काम भी किया और कन्हैया लाल के घर आने और जाने का समय कातिलों तक अपडेट करता रहा। बताया ये भी जा रहा है कि वसीम की ही मुखबिरी पर एक बार कन्हैया लाल को उनके घर में मारने का प्लान बना लिया गया था, जो बाद में दुकान के लिए रख दिया गया।

जहाँ घर की रेकी की जिम्मेदारी वसीम अली ने संभाली थी तो वहीं कन्हैया लाल की दुकान और उसके आसपास की मुखबिरी का काम 19 साल के मोहम्मद जावेद को सौंपा गया। जावेद कन्हैया लाल की दुकान के पास ही एक चूड़ी की दुकान पर काम करता था। उसने कातिलों को कन्हैया लाल द्वारा दुकान पर की जा रही पूरी दिनचर्या की जानकारी लगातार अपडेट की। कत्ल की पूरी तैयारी होने के बाद हथियार दिलाने का जिम्मा 25 साल के मोहसिन खान को मिला। मोहसिन लेथ मशीन चलाता था। उसी ने इस क़त्ल के लिए खास खंजर बनाए थे।

कत्ल तक खंज़रों किसी की नजर में न आएँ इसकी जिम्मेदारी चिकन शॉप के मालिक फरहाद मोहम्मद ने उठाई। उसने खंजर अपनी दुकान में कत्ल होने तक छिपा कर रखे थे। यहीं से हथियार उठा कर कातिल कन्हैया लाल की दुकान की तरफ बढ़ चले गए। कन्हैयालाल की गर्दन काटने से पहले रियाज़ और गौस ने तुर्की सहित इस्लामी मुल्कों में प्रसिद्ध इर्तुजुल गाजी की वेब सीरीज देखी थी। आखिरकार उन्होने कत्ल के साथ पाकिस्तानी आकाओं में इस हत्याकांड की वीडियो भी बनाई और उसे वायरल करते हुए हत्या की जिम्मेदारी भी ली।

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