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16 मोबाइल, 16 सिम, सभी शूटर्स को एक-एक लाख रुपये…ऐसे रची गई थी उमेश पाल की हत्या की साजिश

प्रयागराज/लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड के 18 दिन बीत जाने के बाद भी सभी शूटर पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं लेकिन अब जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है. उमेश पाल की हत्या से पहले इसकी बड़ी तैयारी की गई थी.

सभी शूटर्स को मिले थे तीन-तीन सिम

सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के बाद इस घटना में शामिल सभी शूटरों को  3-3 सिम और नया मोबाइल फोन दिया गया था ताकि किसी भी तरह उनकी लोकेशन को ट्रैक ना किया सके.

रिपोर्ट के मुताबिक उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के बाद शाइस्ता ने सभी शूटरों को  एक-एक लाख रुपये दिए थे. उमेश पाल हत्याकांड के बाद हर शूटर ने अपने पुराने मोबाइल और सिम से बात करना छोड़ दिया था.

शूटरों पर बढ़ाई गई इनाम की राशि

सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों को पैसा दिए जाने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता पर इनाम घोषित किया था. उमेश पाल की हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने इन शूटरों पर इनाम की राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है.

इस हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके बेटों की मुख्य भूमिका सामने आई है. अब हत्या को अंजाम देने वाले अतीक अहमद के खास गुर्गे अरमान, गुलाम, गुड्डू और नसीर, पुलिस की हिट लिस्ट में है.

असद ने जानबूझकर लखनऊ में छोड़ा था फोन

जांच में यह भी सामने आया है कि उमेश पाल पर गोलियां चलाने वाले अतीक अहमद के बेटे असद को कानूनी कार्रवाई से बचाने की साजिश भी पहले ही रच ली गई थी.  यही वजह है कि उसके फोन को जानबूझकर लखनऊ में छोड़ दिया गया था.

इतना ही नहीं उमेश पाल पर हमले के दौरान ही लखनऊ में उसके एटीएम से पैसे निकाले गए थे ताकि बाद में उसकी मौजूदगी लखनऊ में दिखाई जा सके. हालांकि अब उसके नेपाल भाग जाने की आशंका जताई जा रही है.

24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या

गौरतलब है कि प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. उसके खिलाफ प्रयागराज सहित अन्य जिलों में भी कई आपराधिक वारदातों में पहले से केस दर्ज हैं.

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