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बेंगलुरु से एक दुखद खबर- कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व CM ओमन चांडी का निधन, एक पोस्टर- नीतीश कुमार को बताया PM उम्मीदवारी का ‘द अनस्टेबल’ दावेदार

ओमन चांडी, नीतीश कुमारकर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों के जमावड़े का 18 जुलाई 2023 को दूसरा दिन है। 26 दलों के नेता इसमें शिरकत कर रहे हैं। सोनिया गाँधी ने सोमवार (17 जुलाई 2023) की रात इन नेताओं को डिनर दिया था। इस बीच बेंगलुरु में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी का निधन हो गया है। हालाँकि इसका विपक्षी दलों के जुटान से कोई लेना-देना नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री काफी समय से बीमार थे और बेंगलुरु में ही उनका इलाज चल रहा था।

लेकिन बेंगलुरु की सड़कों पर कुछ पोस्टर दिखे हैं, जिसका इस जुटान से लेना-देना है। ये पोस्टर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगे थे। इन्हें अब पुलिस ने हटा दिया है। पोस्टर में बिहार के सुल्तानगंज में टूटे ब्रिज की तस्वीर के साथ नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का ‘द अनस्टेबल’ दावेदार बताया गया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले विपक्षी दलों का जुटान पटना में भी हुआ था। लेकिन वे अब तक न तो चेहरा और न नीति तय कर पाए हैं। कहा जाता है कि नीतीश कुमार पटना में चाहते थे कि उन्हें विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाया जाए। बिहार में बीजेपी को छोड़कर राजद, कॉन्ग्रेस और वाम दलों के साथ सरकार बनाने के उनके फैसले को भी प्रधानमंत्री बनने की उनकी हसरत से जोड़कर देखा जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीतीश कुमार के विरोध में पोस्टर बेंगलुरु के चालुक्य सर्कल, विंडसर मैनर ब्रिज और हेब्बाल के पास एयरपोर्ट रोड पर  लगाए गए थे। पोस्टर में बिहार में पुल के गिरने की घटना का जिक्र था। नीतीश की बड़ी से फोटो के साथ ‘UNSTABLE PRIME MINISTERIAL CONTENDER’ लिखा हुआ था। इन पोस्टरों के वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। पोस्टरों को हटा दिया गया है। हालाँकि ये पोस्टर किसने लगवाए थे, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

18 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एनडीए की भी बैठक हो रही है। इसमें 38 दलों के नेता मौजूद रहेंगे। इसकी जानकारी देते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि NDA का गठबंधन सत्ता के लिए नहीं है। यह गठबंधन सेवा के लिए है, भारत को मजबूत करने के लिए है। बेंगलुरु में विपक्षी दलों के जुटान को उन्होंने ‘भानुमति का कुनबा’ बताते हुए उन्होंने कहा था कि उनके पास न तो नेता है और न ही नीयत है, न नीति है और न ही फैसला लेने की ताकत है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन को भ्रष्टाचार और घोटालों का टोला करार दिया था।

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