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सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन ने परेशान मरीजों से कैसे वसूले करोड़ों रुपये, CBI ने किया खुलासा

सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन ने परेशान मरीजों से कैसे वसूले करोड़ों रुपये, CBI ने किया खुलासानई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रिश्वत लेने के मामले में मार्च में गिरफ्तार किए गए सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन मनीष रावत के खिलाफ कथित तौर पर 2.40 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में एक नयी प्राथमिकी दर्ज की है।    अधिकारियों ने बताया कि रावत की पत्नी खुशबू रावत को भी मामले से संबंधित प्राथमिकी में नामजद किया गया है।

जांच में खुलासा हुआ है कि रावत ने अपने मरीजों को 30,000 रुपये से लेकर 1.15 लाख रुपये तक की रिश्वत एक बिचौलिए के बैंक खाते में जमा करने का निर्देश दिया था। जांच एजेंसी को तलाशी के दौरान एक डायरी के कुछ अंश भी मिले, जो रावत द्वारा अपने साथियों और सर्जिकल उपकरण की दुकान के मालिक के साथ मिलकर चलाए जा रहे रैकेट पर प्रकाश डालते हैं।    इसके अलावा सीबीआई को एक लॉकर में 69 लाख रुपये के आभूषण भी मिले थे।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रावत ने अपने और पत्नी के नाम पर 2.40 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो दंपति की आय के ज्ञात स्रोतों से 70.85 प्रतिशत अधिक है। सीबीआई ने कहा कि डॉ. रावत मरीजों को दीपक खट्टर के स्वामित्व वाली कनिष्क सर्जरी से सर्जरी के लिए उपकरण खरीदने की सलाह देते थे और मरीजों को उन्हें बहुत ऊंचे दामों पर बेचते थे, क्योंकि डॉक्टर इससे अपना पैसा कमाते थे।

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