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दलित रूममेट को प्रताड़ित करती थी मुस्लिम छात्रा: हिजाब-नमाज के लिए बनाती थी दबाव, प्राइवेट पार्ट पर हाथ फेरता था ‘भाई’ हामिद

भोपाल में मुस्लिम रूममेटफिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को झूठ और सांप्रदायिकता फैलाने का प्रोपेगंडा बताने वाले लिबरलों की आँखें शायद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की इस घटना से खुल जाए। ताज़ा घटना में एक मुस्लिम लड़की ने अपनी दलित हिंदू रूम मेट पर इस्लाम को मानने के लिए इस कदर दबाव बनाया कि उसे पुलिस में मामला दर्ज कराना पड़ गया।

घर में रहने का सहारा देकर उसके साथ छेड़छाड़ की गई और विरोध करने पर उसे न सिर्फ गालियाँ दी गईं, बल्कि उसे बंधक भी बना लिया गया। यही नहीं, अब बालाघाट की रहने वाली इस लड़की ने पढ़ाई पूरी करने के लिए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। लड़की पशुपालन में पत्रोपाधि महाविद्यालय की छात्रा है।

हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई कहकर बनाया शिकार

सिंगरौलीतक की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 साल की दलित हिंदू छात्रा मुन्नी ने महिला थाने में शनिवार 5 अगस्त को दो लोगों के खिलाफ शिकायत की है। उसने मुस्लिम लड़की अनम सैयद और उसके साथी हामिद मियाँ पर धर्म स्वतंत्रता और अनुसूचित जाति के तहत मामला दर्ज कराया है। पीड़िता ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। पीड़ित युवती मुन्नी के पिता की मृत्यु हो चुकी है की बेटी हैं।

वो बीते छः महीने से पशुपालन पत्रोपाधि महाविद्यालय में फर्स्ट ईयर की छात्रा है। पहले आरोपित मुस्लिम लड़की ने दोस्त होने का हवाला देकर अपने साथ नमाज पढ़ने को कहा, लेकिन पीड़िता के इनकार करने पर वो उससे ‘हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई’ होने जैसी बातें करने लगती थी।

कैसे बनती है द केरला स्टोरी?

पीड़ित युवती मुन्नी ने पुलिस को बताया कि वो करीब चार महीने पहले नारियल खेड़ा पिपल चौराहा की रहने वाली अनम सैयद के संपर्क में आई थी। उसने अनम से किराए पर कमरा दिलाने को कहा था, लेकिन उसने मुन्नी से कहा कि वो उसके साथ रह सकती है क्योंकि वो भी अकेली ही रहती है।

पहले पीड़िता ने उसे मना किया, लेकिन अनम का व्यवहार अच्छा लगा तो वो उसके साथ रहने के लिए राजी हो गई। जून 2023 से पीड़िता ने मुस्लिम लड़की अमन के साथ रहना शुरू कर दिया।

सिंगरौलीतक की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरूआत में सब ठीक था, लेकिन फिर धीरे-धीरे मुस्लिम रूम मेट ने पीड़िता को इस्लाम की तरफ झुकाने की कोशिशें शुरू कर दी। पहले दोस्त होने का हवाला देकर हिजाब और नमाज की तरफ लुभाना चाहा।

आरोपित मुस्लिम लड़की अनम पीड़िता मुन्नी पर नमाज पढ़ने के लिए दबाव डालने लगी। वह पीड़िता मुन्नी से कहती थी कि हिजाब पहना करो। उसे नमाज पढ़ने और सिर पर हाथ फेरने के तरीके सिखाती। जब वो इनकार करती तो कहती हिंदू -मुस्लिम भाई-भाई हैं। पहले वो पीड़िता से कहती थी कि तुम अपने धर्म की पूजा कर सकती हो, लेकिन बाद में उसने कमरे में उसे पूजा करने से भी मना कर दिया।

अनम उससे ये कहकर बरगलाने की कोशिश करती कि तुम नीच जाति की हो और हिंदू भी नहीं हो, हमारा धर्म अपना लो, तुम मुस्लिम बन जाओगी और तुम्हें इज्जत मिलेगी। कुरान को छूने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, वो पीड़िता से अश्लील बात भी करती और उसका वीडियो बनाती।

हामिद मियाँ रात में करता था छेड़छाड़

पीड़िता युवती ने कहा कि अनम के यहाँ अक्सर हमिद मियाँ एक युवक रात को करीब 8 बजे आता था और करीब 11 बजे तक रहता था। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 10 जुलाई को उसका एग्जाम था तो वो जल्दी सोने चली गई, लेकिन सोने के बाद उसे लगा कि उसका शरीर कोई छू रहा है।

नींद खुलने पर उसने आरोपित हामिद और अनम को अपने बिस्तर पर बैठा पाया था। पूछने पर आरोपित अनम ने उसे ये कहकर डपट दिया था कि हामिद उसके भाई जैसा है। दरअसल पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे कई दिन से ये लग रहा था कि कोई उसका शरीर छूता है और उसके प्राइवेट पार्ट्स पर हाथ फेरता है, लेकिन पूछने पर दोनों आरोपित डाँट कर उसे चुप कराकर सुला देते थे। इसके बाद हामिद खुलेआम पीड़िता से छेड़ाछाड़ पर उतर आया था।

कमरे में बंद कर लगाया ताला

पीड़िता युवती ने पुलिस को ये भी बताया कि ये सब देखकर उसने जब कमरा छोड़ कर जाने की बात कहीं तो दोनों आरोपितों जबरदस्ती पर उतर आए। उसे कमरे में बंद करके ताला लगा दिया। किसी तरह पीड़िता ने फोन पर मम्मी को सारी बात बताई और भाई को खुद को लेने के लिए भेजने को कहा। इस पर आरोपित अनम ने उसका फोन छीन लिया।

पीड़िता युवती की मां ने उसके बताए हुए पते पर भाई को भेजा तो उसके साथ भी उसे नहीं भेजा। उसके भाई ने गौतम नगर थाने में जाकर मदद माँगी। पीड़िता का कहना है कि जब आरोपित अनम उसे गाली दे रही थी और गला दबा रही थी तो इस दौरान पुलिस पहुँच गई और पीड़िता को थाने लेकर गई। इसके बाद में पुलिस ने उसे भाई के साथ घर बालाघाट भेज दिया।

आरोप – पुलिस ने खौफ दिखा गाँव भेजा

पीड़िता का कहना है कि वो आरोपितों को खिलाफ उसी दिन एफआईआर कराना चाहती थी, लेकिन विवाद का खौफ दिखाकर पुलिस ने मुझे गाँव भेज दिया। पीड़िता के मुताबिक उसके साथ कई दिनों से धर्म परिवर्तन के लिए दबाव और छेड़छाड़ की घटना चलती रही थी।

पीड़िता तीन अगस्त को बालाघाट से भोपाल में परीक्षा देने आई और यहीं रुक गई और 5 अगस्त शनिवार को सुबह महिला ने थाने पहुँच कर रूम मेट मुस्लिम लड़की अमन सैयद और उसके दोस्त हामिद के खिलाफ बंधक बनाने, छेड़छाड़ करने, धमकी देने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने संबंधी विभिन्न धाराओं धाराओं में मामला दर्ज करा दिया।

मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 है लागू

साल 2021 में मध्‍य प्रदेश सरकार ने राजपत्र में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक- 2020 को अधिसूचित किया था । इसके साथ ही राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून लागू हो गया था। मुख्यमंत्री शिवराज राज सिंह चौहान सरकार के मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को मंजूरी दी थी।

इस कानून में मतांतरण में मदद करने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान है। इसके लागू होने के बाद भी इस राज्य में मुस्लिमों के हौसलें बुलंद हैं। मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश लागू होने के बाद ही राजधानी भोपाल में लव जिहाद का पहला मामला जनवरी 2021 में ही सामने आ गया था। ये केस भोपाल के अशोका गार्डन थाने में दर्ज हुआ था।

जहां एक युवती ने आरोप लगाया था कि एक मुस्लिम युवक असद ने अपना आशु हिंदू नाम बताकर शादी का झाँसा देकर उसका यौन शोषण किया था। युवती को उसके मुस्लिम होने का पता चलने पर आरोपित ने पीड़ित युवती को धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित किया और निकाह के लिए दबाव बनाया।

कौन है इसके दायरे में ?

1- मतांतरण के मकसद से नकद वस्तु, दान, रोजगार, किसी धार्मिक निकाय के संचालित विद्यालय में शिक्षा, दैवीय प्रसाद जैसी बातों को प्रलोभन माना गया है।

2- मनोवैज्ञानिक दबाव, भौतिक बल इस्तेमाल या धमकी देकर मजबूर करना।

3- पैतृक धर्म में वापसी को मतांतरण में नहीं गिना जाएगा। व्यक्ति के पैदा होते वक्त पिता का धर्म ही पैतृक धर्म कहलाता है।

कड़ी है सजा भी

1- महिला, नाबालिग, अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्ति का मतांतरण करवाने यानी धर्म बदलवाने पर कम से कम दो तथा अधिकतम 10 साल के जेल होगी। जुर्माना भी 50 हजार से कम नहीं होगा।

2- मतांतरण की शिकायत माता-पिता, भाई या बहन या रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण से संबंधित शख्स ही कर सकेगा।

3- धर्म छिपाकर विवाह करने वालों को कम से कम तीन साल की सजा। इसे बढ़ाकर 10 वर्ष तक भी किया जा सकता है। जुर्माना 50 हजार रुपए से कम नहीं होगा।

4- सामूहिक मतांतरण में कम से कम 5 साल की सजा। इसे 10 साल तक किया जा सकता है। जुर्माना कम से कम एक लाख रुपये होगा।

5- धोखा देकर की गई शादी से पैदा हुई औलाद को पिता के वारिस के तौर पर सभी हक-हकूक होंगे। शादी के जीरो होने का एलान करने की हालत में भी बच्चे के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।

6- मतांतरण करने वाले व्यक्ति को 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन देना होगा।

7- इस मामले में कानून कार्रवाई होने पर आरोपित को ही अपने दोषी नहीं होने के सबूत देने होंगे।

8- उप निरीक्षक से नीचे का कोई भी पुलिस अधिकारी इस कानून में जाँच नहीं करेगा।

‘बेटियों के साथ धोखा बर्दाश्‍त नहीं’

 साल 2021 में मध्‍य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 लागू होने पर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश ने मूर्त रूप ले लिया है।

उन्होंने कहा था कि अब प्रदेश में कोई भी बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर, लालच से हमारी बेटियों के साथ छल करेगा तो उसके खिलाफ इसी कानून के तहत उस पर कार्रवाई की जाएगी। इस काम में मदद देने वाले भी कानून के दायरे में आ गए हैं। इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है, इसलिए ऐसे सभी लोग खबरदार हो जाएँ, लेकिन शायद ये चेतावनी इस राज्य में बेअसर साबित हो रही है।

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