नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मतभेदों का हवाला देते हुए बुधवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। चंद्र कुमार बोस 2016 में पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष थे और 2020 में उन्हें हटा दिया गया था। अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा है उन्होंने कहा कि उन्हें बोस भाइयों – सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए भाजपा से न तो केंद्र या राज्य स्तर पर कोई समर्थन नहीं मिला।
पत्र में कहा गया है, “मैंने बोस परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण तारीख को यह महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए चुना है, जो कि मेरे दादा शरत चंद्र बोस की 134वीं जयंती है, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, गुरु और कॉमरेड-इन-आर्म्स का हिस्सा थे।”
गौरतलब है कि बीजेपी में शामिल होने की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने पीएम मोदी के नेतृत्व और विकास कार्यक्रम की सराहना की। चंद्र बोस ने लिखा, “तब मेरी चर्चा बोस ब्रदर्स की समावेशी विचारधारा पर केंद्रित थी। तब और बाद में मेरी समझ यह रही है कि मैं इस विचारधारा को भाजपा के मंच पर पूरे देश में प्रचारित करूंगा। इसके अलावा एक आज़ाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया था। बीजेपी की रूपरेखा का प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा का प्रचार करना है।”