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‘ये फिटकिरी झा हैं…’: आनंद मोहन ने मनोज झा के बड़े पिता को बताया सियासी अवसरवादी, MLA राघवेंद्र सिंह बोले- गर्दन उतारने में देर नहीं लगेगी

मनोज झा (बाएं), आनंद मोहननई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सदन में ‘ठाकुर का कुआँ’ नाम की कविता पढ़ी थी। इस पर विवाद बढ़ता जा रहा है। पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने कहा था कि यदि उस समय वो संसद में होते तो मनोज झा की जीभ काटकर आसन की उछाल देते। अब आनंद मोहन ने एक फिर मनोज झा को निशाने पर लिया है। उन्होंने झा को ‘फिटकरी’ और केंद्र का एजेंट करार दिया है।

इसके साथ ही जेडीयू के एमएलएसी संजय सिंह ने भी मनोज झा के बयान का तीखा विरोध किया है और उन्हें ऐसा दोबारा न करने की चेतावनी दी है। आरा के बड़हरा से भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने मनोज झा को माफी माँगने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वो भी राजपूत ही हैं। एक सेकेंड नहीं लगेगा और गर्दन उतार कर वो हाथ में रख देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि पुरानी कहानी याद ना दिलवाई जाए।

मीडिया से बातचीत में आनंद मोहन सिंह ने कहा कि फिटकरी का इस्तेमाल शेविंग के बाद किया जाता है। यह कीटाणुनाशक होता है और एक क्विंटल दूध में एक ढेला इसको डाल देने पर दूध फट जाता है। उन्होंने कहा, “ये फिटकरी झा हैं। वे केंद्र का एजेंट बनकर पार्टी में बैठे हैं। वे नहीं चाहते हैं कि लड़ाकू जातियाँ इकट्ठा हों।”

मनोज झा के परिवार के इतिहास की दिलाई याद

आनंद मोहन ने आगे कहा, “इनके बड़े पिता जी की कहानी जानता हूँ। वो भी समाजवादी का चोला पहने हुए थे। जैसे ही कॉन्ग्रेस की सरकार बनी, समाजवादी चोला उतारकर कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री बन गए।” उन्होंने कहा, “ऐसे लोग तभी तक आरजेडी में रहेंगे, जब तक आरजेडी अस्तित्व में होगी। जैसे ही लगेगा कि आरजेडी कमजोर हो गई, वे भाजपा की गोद में चले जाएँगे।”

बता दें कि मनोज झा ने 21 सितंबर को महिला आरक्षण बिल पर सदन में अपनी बात रखते हुए कहा था कि इस बिल को दया भाव की तरह पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि दया कभी अधिकार की श्रेणी में नहीं आ सकती है। आखिरी में उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़कर ठाकुर जाति का अपमान किया। उन्होंने कविता पढ़ी,

“चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का।
भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का।
खेत ठाकुर का, बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का।
हल की मूठ पर हथेली अपनी, फ़सल ठाकुर की।
कुआँ ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मुहल्ले ठाकुर के,

फिर अपना क्या?
गाँव? शहर? देश?”

मनोज झा, राज्यसभा में (ओम प्रकाश की कविता का पाठ)

बड़हरा से भाजपा विधायक ने झा को दी चेतावनी

मनोज झा की जातिवादी टिप्पणी पर आरा के बड़हरा विधानसभा से भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने भी कड़ी टिप्पणी दी है। उन्होंने कहा कि मनोज झा ये ना भूलें कि वे भी राजपूत हैं, जो माफी नहीं माँगने पर उनका सिर उतार कर हाथ में दे देंगे।

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “आप पंडित जी है। आज के युग में ‘पंडित जी प्रणाम’ कहने वाले सिर्फ राजपूत ही हैं। ये बात आप भूल गए हैं।” उन्होंने झा से माफी की माँग करते हुए कहा, “एक बात और, आप भूल गए कि राजपूत वो भी हैं, जो सेकेंड नहीं लगेगा आपका गर्दन उतारकर आपके हाथ में रख देंगे।”

जेडीयू एमएलसी संजय सिंह ने किया मनोज झा का विरोध

इस मामले में जेडीयू के एमएलसी संजय सिंह ने मनोज झा को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “ठाकुर वो आग है, जो लगेगी तो बुझाने के लिए कोई दमकल भी नहीं मिलेगा। अगर मनोज झा समाज को बाँटने का काम कर रहे हैं। मैं उन्हें चेतावनी देता हूँ कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।”

विधायक चेतन आनंद ने किया तीखा विरोध

आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा के बयान का विरोध करते हुए कहा कि राज्यसभा में ठाकुरों के ऊपर कविता पढ़ी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि ये लोग खुद को समाजवाद के सिपाही समझते हैं। राज विधायक ने आगे कहा कि आश्चर्य इससे भी होता है कि झा ने कहा कि वो जात-पात पर नहीं जा रहे हैं और बाद में ठाकुरों को गुंडा बना दिया।

चेतन आनंद का फेसबुक पोस्ट

चेतन आनंद ने इसे ‘दोगलापन’ बताते हुए कहा कि ये सबको पता है कि देश भर में ठाकुर टाइटल कौन लोग यूज करते हैं। उन्होंने पूछा, “आपको ठाकुरों से क्या एलर्जी है? दुनिया में इतनी सारी कविताएँ हैं, कभी आपने उनका इस्तेमाल नहीं किया?”

उन्होंने कहा, “ब्राह्मणों पर भी नकारात्मक कविताएँ हैं, लेकिन वो इन्हें सही नहीं मानते।” उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों पर अगर कविता पढ़ी होती तो बनगाँव जहाँ वो रहते हैं, वहाँ उन्हें लोग घुसने नहीं देंगे। चेतन आनंद ने स्पष्ट किया कि किसी को सॉफ्ट टारगेट बनाए जाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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