मधुमिता हत्याकांड में मुख्य आरोपी रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी दोषमुक्त होकर कुछ दिन पहले ही जेल से रिहा हुए हैं. भले ही इस केस से अमरमणि बरी हो गए हैं, लेकिन एक दूसरे मुकदमे ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एमपी-एमएलए कोर्ट ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया है कि अमरमणि त्रिपाठी को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश करे.
22 साल पहले एक व्यापारी के बेटे के अपहरण में अमरमणि त्रिपाठी सहित 3 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद लगातार अमरमणि को समन कोर्ट की ओर से भेजा जा रहा था, लेकिन वह बीमारी का हवाला बनाकर कोर्ट में पेश नहीं हुए. इसके बाद सोमवार को एमपी एमएलए कोर्ट के जज ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बस्ती के पुलिस कप्तान को यह आदेश दे दिया कि हर हाल में उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए, ताकि कोर्ट की आगे की कार्रवाई की जा सके.
साल 2001 में व्यवसायी के बेटे का हुआ था अपहरण
दरअसल, साल 2001 में बस्ती के व्यवसायी धर्मराज के बेटे के अपहरण हुआ था, जिसमें अमरमणि त्रिपाठी सहित 3 लोगों का नाम आया था. इस मामले में अमरमणि सहित 3 लोगों पर अपहरण जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में न्यायालय ने अमरमणि त्रिपाठी सहित तीनों वांछितों को कई बार गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश पारित किया, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही. काफी दिनों तक अमरमणि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड केस में लखनऊ,गोरखपुर समेत विभिन्न जेलों में बंद रहे.
अमरमणि त्रिपाठी की गिनती पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में होती है. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में वह लंबे समय से जेल में बंद रहे, लेकिन बाद में उन्हें कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया. हालांकि, मधुमिता की बड़ी बहन निधि शुक्ला ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अमरमणि त्रिपाठी नौतनवा सीट से विधायक का चुनाव जीते थे.
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