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संसद में क्लीन ड्राइव: हंगामा करने पर लोकसभा और राज्यसभा के 78 सांसद सस्पेंड, इस सत्र में अब तक 92 MP पर हुई है कार्रवाई

सांसद प्रदर्शन करते हुएसोमवार (18 दिसंबर 2023) को 78 सांसदों को हंगामा करने के कारण सस्पेंड किया गया है। लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सांसदों पर कार्रवाई हुई है। इस तरह से संसद के शीतकालीन सत्र में सस्पेंड होने वाले सांसदों की संख्या बढ़कर 92 हो गई है। आज की कार्रवाई से पहले भी 14 सांसद सस्पेंड हुए थे।

कुछ सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड किया गया है। इसमें विपक्ष के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल जैसे बड़े नाम भी हैं।

अब तक लोकसभा और राज्यसभा से 46-46 सांसद सस्पेंड

लोकसभा में सोमवार को 33 सांसदों को सस्पेंड किया गया। 13 सांसदों को 15 दिसंबर 2023 को सस्पेंड किया गया था। इस तरह से लोकसभा से कुल 46 सांसद इस सत्र में सस्पेंड किए जा चुके हैं। वहीं, राज्यसभा से 45 सांसद सोमवार को सस्पेंड किए गए। इससे पहले उच्च सदन से डेरेक ओ ब्रायन सस्पेंड हुए थे। इस तरह से सस्पेंड होने वाले कुल सांसदों की संख्या 92 तक पहुँच गई है।

खास बात ये है कि राज्यसभा में जिन 45 सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उसमें से 11 सांसदों को प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के लिए 3 माह तक का समय रहता है। वहीं, 34 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया है। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन पहले ही शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं। इस तरह से राज्यसभा के कुल 46 सांसदों पर अब तक गाज गिर चुकी है।

राज्यसभा से सस्पेंड होने वालों में रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, मनोज झा, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चव्हाण, रामगोपाल यादव, अमी याग्निक, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदिमुल हक, एन षणमुगम, नसीर हुसैन, फुलो देवी नेताम, इमरान प्रतापगढ़ी, मौसम नूर, समिरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, कनिमोझी, फैयाज अमजद, जावेद अली खान, जोस के मणि, महुआ मांझी और अजीत कुमार के अलावा अन्य नाम भी हैं।

लोकसभा में भी सस्पेंड होने वाले सांसदों की संख्या 46 पहुँच गई है। कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन, टीएमसी के सौगत रॉय और कल्याण बनर्जी और डीएमके के टीआर बालू, ए राजा और दयानिधि मारन सहित 33 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से निलंबित किया गया है। सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया। पहले स्थगन के बाद जब सदन दोपहर तीन बजे दोबारा शुरू हुआ तो सभापति के तौर पर मौजूद भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि सदस्य नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

इसके बाद भी जब सांसद नहीं माने, तो फिर सभापति ने कार्रवाई कर दी। सस्पेंड होने वाले सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, ए राजा, दयानिधि मारन, टी. सुमति, कल्याण बनर्जी, अपारूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहम्मद बशीर, जी. सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, असीत कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटनी, एसएस पलानीमनिकम, अब्दुल खालिक, थिरुनावुक्करासर, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के.मुरलीधरन, सुनील मंडल, एस. रामालिंगम, के. सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई, टीआर बालू, के कानी नवास, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, के जयकुमा के नाम शामिल हैं।

इस मामले में कॉन्ग्रेस ने तीखा विरोध किया है। कॉन्ग्रेस ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट कर कहा है, “तारीख- 18 दिसंबर 2023। दिन- सोमवार। एक बार फिर सदन में सवाल पूछने पर विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। ये है मोदी सरकार की तानाशाही। संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्ष के सांसद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से जवाब माँग रहे हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सवाल पूछना विपक्ष का हक है और जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है। यह जनता की आवाज दबाने का एक दमनकारी रवैया है और हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं, लड़ते रहेंगे। मोदी सरकार को जवाब देना ही होगा।”

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