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रॉबर्ट वाड्रा को थंपी से किसने मिलवाया? आर्म्स डीलर संजय भंडारी से सोनिया गाँधी के लिंक का ED की चार्जशीट में जिक्र

सोनिया गाँधी का परिवार और संजय भंडारीकई सालों से एक नाम बार-बार सामने आता है, वो नाम है संजय भंडारी का। संजय भंडारी आर्म्स डीलर यानि हथियारों की डील में दलाली करने वाला खिलाड़ी है। संजय भंडारी फरार है और उसे लंदन से प्रत्यर्पित की कोशिश की जा रही है। संजय भंडारी का नाम रफाल सौदे से लेकर यूरो फाइटर तक की डील में सामने आया है। अब हरियाणा के चर्चित जमीन खरीद घोटालों में भी उसका नाम सामने आया है।

संजय भंडारी का गाँधी परिवार से कनेक्शन सामने आया है। जिस जमीन घोटाले में रॉबर्ड वाड्रा, प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी तक के नाम आ रहे हैं, उसके तार अब सोनिया गाँधी तक जुड़ रहे हैं। ये तार उनके निजी सचिव के जरिए जुड़ रहे हैं। इन सारी कड़ियों को जोड़ा है प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ED ने पीएमएलए कोर्ट में दाखिल किए गए 84 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सारी कहानी बताई है।

ईडी की चार्जशीट में रॉबर्ड वाड्रा, प्रियंका गाँधी वाड्रा, प्रॉपर्टी डीलर सीसी थंपी, हथियार डीलर संजय भंडारी और प्रॉपर्टी डीलर एचएल पाहवा के बारे में बताया गया है। इन सबके साथ सोनिया गाँधी के लिंक जुड़े मिले हैं। इस लिंक का सूत्रधार बना था सोनिया गाँधी का निजी सचिव पीपी माधवन। माधवन पर जून 2022 में एक दलित महिला ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था।

ईडी ने यह चार्जशीट 22 दिसंबर 2023 को दाखिल की है। इसमें बताया गया है कि सोनिया गाँधी के पीए पीपी माधवन ने थंपी को रॉबर्ड वाड्रा से मिलवाया था। बाद थंपी के लिंक से संजय भंडारी और वाड्रा जुड़े। इसी मामले में सुमित चड्ढा नाम का एक और आरोपित भी है, जो संजय भंडारी का करीबी है। यह पहली बार है कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में वाड्रा का नाम लिया है।

ईडी की चार्जशीट के पेज नंबर 43 पर लिखा है, “जाँच के दौरान सीसी थंपी ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है। ये बयान 19 जून 2019 को दर्ज कराया गया, जिसमें उसने स्वीकार किया कि वो रॉबर्ड वाड्रा को 10 वर्ष से अधिक समय से जानता है। रॉबर्ट वाड्रा से उसका परिचय सोनिया गाँधी के पीए माधवन ने कराया था। वह रॉबर्ड वाड्रा से कई बार मिला है, यहाँ तक कि यूएई में भी।”

ईडी की चार्जशीट की कॉपी में सोनिया गाँधी, रॉबर्ट वाड्रा का नाम

पीएमएलए कोर्ट में दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, सीसी थम्पी और हथियार डीलर संजय भंडारी के बीच सीधा कनेक्शन बताया गया है। इसमें कहा गया है कि सोनिया गाँधी के पीए माधवन ने वाड्रा को थम्पी से मिलवाया था। संजय भंडारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए मामले में दिल्ली का रियल एस्टेट डीलर चेरुवथुर चक्कुट्टी थंपी सातवाँ आरोपित है।

दरअसल, थंपी ने जमीन की खरीद-बिक्री के लिए एचएल पाहवा को पैसे दिए। ये पैसे संजय भंडारी से जुड़े थे, जिसने गैर कानूनी तरीके से हथियारों की दलाली से पैसे बनाए थे। यही नहीं, संजय भंडारी ने ही लंदन से लेकर फरीदाबाद तक रॉबर्ड वाड्रा को प्रॉपर्टी दी। संजय भंडारी के लिए थंपी काम करता था, जिसने पाहवा को पैसे दिए। वो पैसे घूम कर राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और रॉबर्ट वाड्रा तक गए।

ईडी की चार्जशीट में जमीन सौदों की विस्तार से जानकारी जानकारी

संजय भंडारी के खिलाफ ईडी का मामला और गाँधी परिवार से संबंध

ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में यह साबित हुआ कि थंपी रॉबर्ट वाड्रा का करीबी सहयोगी था। इस संबंध का खुलासा वित्तीय लेनदेन के माध्यम से हुआ, जिसमें लंदन की प्रॉपर्टी का रेनोवेशन और फरीदाबाद में जमीन का सौदा भी शामिल है। इसके साथ ही राहुल गाँधी और सीसी थंपी के बीच संबंधों का भी खुलासा हुआ है।

थंपी ने एचएल पाहवा को जो पैसे दिए थे, उससे राहुल गाँधी को अपार फायदा पहुँचा। ठीक इसी तरह प्रियंका गाँधी ने भी पाहवा से कम कीमत पर जमीन खरीदी और बाद में ज़मीन को बढ़ी हुई कीमत पर वापस बेच दिया गया। इन लेनदेनों के लिए भी पैसे थंपी ने दिए, जो संजय भंडारी के लिए काम करता था।

किस तरह से की गई पैसों की हेराफेरीस्रोत-ईडी

इस मामले पर हमारी साल 2019 की विस्तृत रिपोर्ट को यहाँ देखी जा सकती है। ऑपइंडिया ने साल 2019 में एचएल पाहवा और प्रियंका वाड्रा के बीच कनेक्शन को एक्सपोज किया था।

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