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राम मंदिर से अभी ही 20000 नौकरियाँ, इस साल ₹25000 करोड़ की एक्स्ट्रा कमाई: अयोध्या में 50 बड़े होटल प्रोजेक्ट्स, वेटिकन-मक्का छूटेगा पीछे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में भक्तों की बाढ़ आने वाली है। उनके स्वागत के लिए योगी आदित्यनाथ की राज्य सरकार भी तैयार है। इसके लिए वो बुनियादी सुविधाओं का विस्तार कर रही है। प्रदेश सरकार ने अयोध्या में हजारों करोड़ का निवेश किया है। सड़कों के जाल से लेकर सुरक्षा और अन्य मामलों में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाया है। खुद योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री अयोध्या पर अच्छा खासा ध्यान दिया।

राम मंदिर के निर्माण से अयोध्या की अर्थव्यवस्था में हजारों करोड़ का निवेश होगा। इससे अयोध्या में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। राम मंदिर के निर्माण से अयोध्या एक प्रमुख आर्थिक केंद्र बन जाएगा। यह मंदिर भारत की एकता और अखंडता को भी मजबूत करेगा। राम मंदिर का निर्माण सिर्फ अयोध्या ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर है। मंदिर के निर्माण से अयोध्या में पर्यटन और व्यापार में उछाल आएगा। इससे अयोध्या की अर्थव्यवस्था में विकास होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंच से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या के रूप में पुनरुद्धार के लिए हजारों करोड़ों रुपए वर्तमान में यहाँ पर भौतिक विकास के लिए लग रहे हैं।”

राम मंदिर के निर्माण से अयोध्या और उत्तर प्रदेश की दिशा और दशा किस तरह से बदलेगी, उसके बारे में यहाँ विस्तार से बताया जा रहा है।

SBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर के कारण फाइनेंशियल ईयर 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार को 25,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। मास्टर प्लान 2031 के मुताबिक, अयोध्या के पुनर्विकास का काम अगले 10 साल में पूरा होगा। इस पर 85,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। शहर में अभी केवल दो ब्रांडेड होटल हैं, लेकिन आने वाले दिनों में ताज होटलों और ITC होटलों ने शहर में बड़े पैमाने पर निवेश करने की तैयारी में है।

होटल इंडस्ट्री में बड़े निवेश के लिए कई डील साइन हो रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की फेमस होटल कंपनियाँ अयोध्या में अपने होटल बना रही हैं। इस शहर में करीब 50 प्रमुख होटल निर्माण परियोजनाएँ जारी हैं। इनमें ताज, मैरियट, जिंजर, ओबेरॉय, ट्राइडेंट और रेडिसन शामिल हैं। अयोध्या में होटल उद्योग में चार बड़ी परियोजनाओं के तहत करीब 420 करोड़ रुपए का निवेश होने का अनुमान है। इस सूची में पहले नंबर पर पंचे ड्रीमवर्ल्ड LLP है, जो 140 करोड़ रुपए की कुल लागत से ‘ओ रामा होटल्स एंड रिजॉर्ट्स’ परियोजना स्थापित करेगी। वहीं, हेरिटेज होटल जैसे प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ने वाली हैं।

अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि ‘वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन’ (GIS) के दौरान अयोध्या में पर्यटन के लिए करीब 18,000 करोड़ रुपए के 102 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। जीआईएस के बाद भी कई व्यापारी अयोध्या में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए सरकार और जिला प्रशासन के पास अपने प्रस्ताव भेज रहे हैं। इस समय अयोध्या में पर्यटन से संबंधित 126 परियोजनाएँ पूरी होने वाली हैं। इनमें से 46 में MoU पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं, जबकि 80 गैर-एमओयू हैं। इन सभी 126 परियोजनाओं की कुल लागत करीब 4000 करोड़ रुपए के आसपास है।

अयोध्या में नौकरियों और व्यवसाय से आय बढ़ने की नई लहर

‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, उद्घाटन से पहले हॉस्पिटैलिटी, टूर और टूरिज्म से अयोध्या में 20,000 नौकरियाँ पैदा हुईं। होटल और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के आने और टूरिस्टों की संख्या बढ़ने से रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। रैंडस्टैड इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी यशब गिरी ने 20,000 से 25,000 स्थायी और अस्थायी नौकरियों के सृजन का अनुमान लगाया। यह संख्या सालाना बढ़ने की उम्मीद है। इससे अकेले अयोध्या को लाभ नहीं होगा, बल्कि लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर जैसे पड़ोसी शहरों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।

‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (CAIT) ने कहा कि अकेले प्रतिष्ठा समारोह से देश भर में 1 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है। CAIT के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने PTI से बातचीत में कहा कि यह आयोजन (राम लला प्राण प्रतिष्ठा) न केवल धार्मिक भावनाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है, बल्कि पूरे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी कर रहा है।

अगले 6 माह में आएँगे 2 करोड़ लोग

उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि अब हर दिन एक लाख लोग अयोध्या पहुँचने लगेंगे। अगले 6 माह में ये आँकड़ा 20 मिलियन यानी 2 करोड़ तक पहुँच जाएगा। ऐसे में अयोध्या अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और तिरुपति बालाजी के मंदिर को भी श्रद्धालुओं की संख्या के मुकाबले में पीछे छोड़ देगा। बता दें कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में प्रति वर्ष 30-35 मिलियन लोग आते हैं, जबकि तिरुपति मंदिर में 25-30 मिलियन लोग आते हैं। विश्व स्तर पर, वेटिकन सिटी में हर साल लगभग 9 मिलियन पर्यटक आते हैं और सऊदी अरब के मक्का में लगभग 20 मिलियन पर्यटक आते हैं। इस तरह से अयोध्या अगले एक साल में दुनिया के सबसे प्रमुख धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों को पीछे छोड़ देगी।

अयोध्या में ये सबकुछ होता रहेगा, तो अयोध्या के मास्टरप्लान पर भी तेज़ी से काम चलता रहेगा। जब साल 2031 के लिए बनाए गए मास्टरप्लान के तहत 85,000 करोड़ रुपयों को अयोध्या पर जब खर्च किया जाएगा और हर दिन 2 से 3 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुँचने लगेंगे, तो अयोध्या की सूरत देखने लायक होगी। ऐसे में रामलला का मंदिर सिर्फ धार्मिक वजह से ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद शुभ साबित होने वाला है।

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