Tuesday , December 3 2024

दिल्ली से धराया हल्द्वानी दंगों का मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक, उसने ही बनवाया था अवैध मदरसा और नमाज स्थल: दंगाइयों में सपा नेता का भाई और 2 पार्षद भी

हल्द्वानी, अब्दुल मलिक, दंगाउत्तराखंड के हल्द्वानी में हुए दंगों का मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक गिरफ्तार कर लिया गया है। क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस व सुरक्षा एजेंसियाँ अब दंगाइयों की धर-पकड़ में लग गई है। बनभूलपुरा में 5 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक समाजवादी पार्टी के एक नेता का भाई है, 2 निवर्तमान पार्षद हैं और एक खनन कारोबारी भी शामिल है। इस हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं में एक अब्दुल मलिक का नाम सामने आया, जिसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।

अब्दुल मलिक हिंसा के बाद से फरार हो गया था। 75 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हिंसा में जिन महिलाओं को आगे किया गया था, उन्हें भी चिह्नित किया जा रहा है। 19 नामजद और 5000 अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपित जावेद सिद्दीकी का भाई अब्दुल मतीन सपा का उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी है। लाइन नंबर 16 का पार्षद महबूब आलम और लाइन नंबर 14 इंद्रानगर निवासी जीशान परवेज पार्षद हैं।

वहीं खनन कारोबारी अरशद अय्यूब लाइन नंबर 12 में रहता है। असलम चौधरी डेयरी संचालक है और लाइन नंबर 3 में उसका घर है। ये सब वो हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। पाँचों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। अब्दुल मलिक ने ही मलिक बगीचा पर अवैध कब्ज़ा कर के निर्माण करवाया था, जहाँ स्थित अवैध मस्जिद-मदरसे को ध्वस्त करने प्रशासन आया तो हिंसा भड़की। इस कार्रवाई का सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ही कर रहा था।

फरार अब्दुल मलिक को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश दे रही थी, जिसमें अब सफलता मिली है। उसके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, जमीन पर कब्ज़ा करने, लोगों को भड़काने और साजिश रचने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उसने ही अवैध मदरसे और नमाज स्थल का निर्माण करवाया था। नगर निगम ने 8 महीने पहले भी मलिक का बगीचा नाम स्थान पर अवैध निर्माण तोड़े थे। यहाँ छोटे-छोटे प्लॉट बना कर बेच दिए गए, मकान खड़ा कर दिया गया।

28 दिसंबर, 2023 को सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह से किसी ने अवैध कब्जे और निर्माण की शिकायत की थी। फिर नगर आयुक्त तक बात पहुँची। नगर आयुक्त गणेश भट्ट के नेतृत्व में 28 दिसंबर को ही अतिक्रमण हटाया गया था। नमाज स्थल और मदरसा हटाने की तैयारी शुरू की गई, बात उच्च न्यायालय तक पहुँची। जब नगर निगम की टीम पहुँची तो हिंसा हो गई। अब्दुल मलिक की गिरफ़्तारी के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 2 टीमें भेजी गई थीं।

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