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13 करोड़पति क्लर्क आए एसटीएफ के रडार पर, लखनऊ-नोएडा में फ्लैट, असलों और लग्जरी गाड़ियों के मालिक

फर्जी शिक्षक भर्ती बीएसए दफ्तर तक पहुंची जांच, गोरखपुर व बस्ती के सभी जिलों में दागी करोड़पति बाबू

• रडार पर परिषदीय स्कूलों के 200 से अधिक शिक्षकों के साथ एडेड विद्यालयों के शिक्षक भी

• एसटीएफ की जांच से फर्जी शिक्षकों के साथ कुछ बाबुओं के भी उड़ गए हैं होश

गोरखपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी करने वाले शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद अब एसटीएफ के रडार पर 13 करोड़पति बाबू आ गए हैं।गोरखपुर-बस्ती मंडल के बीएसए दफ्तरों में तैनात लग्जरी वाहनों के शौकीन इन बाबुओं ने काली कमाई से लखनऊ और दूसरे बड़े शहरों में हवेलियां खड़ी कर रखी है।

फर्जी मार्कशीट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने वालों का भांडा फूटने के बाद एसटीएफ की जांच और सख्त हो गई है। एसटीएफ की नजर में परिषदीय विद्यालयों के 200 से अधिक शिक्षकों के अलावा एडेड विद्यालयों के भी शिक्षक हैं।

जांच टीम ने जहां बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की कुंडलियां खंगालनी शुरू कर दी है वहीं कुछ वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की सूचना मांगी है। एसटीएफ की जांच से शिक्षकों में तो हड़कम्प है ही, कुछ बाबुओं के भी होश उड़ गए हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि दोनों मंडलों में बेसिक शिक्षा विभाग में 13 ऐसे बाबू हैं, जो करोड़पति हैं। इन बाबुओं ने विभाग में गबन फर्जीवाड़ा करके ही अकूत सम्पत्ति जुटाई है। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने अपने गृह जनपद और तैनाती जिले के साथ ही अन्य बड़े शहरों में भी आलीशान मकान बनवा लिए हैं। ऐसे 13 करोड़पति बाबू एसटीएफ के रडार पर हैं।

महराजगंज के बाबू के लखनऊ में चार, गोरखपुर में दो मकानः

महराजगंज में तैनात रहे एक बाबू के तो लखनऊ में चार और गोरखपुर में दो मकान हैं।इन मकानों की ही कीमत करोड़ों में है।

देवरिया के एक बाबू की केवल एक बीमा पॉलिसी का प्रीमियम दो लाखः

बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात कुछ बाबुओं के ऐश-व-आराम देखकर अफसर और उनके परिवारीजन जलन कर सकते हैं। बाबुओं के मकान और उनकी सम्पत्तियां लोगों को चौंकाती है। यहा के एक बाबू के पास बीमा पॉलिसी का प्रीमियम ही दो लाख रुपये हैं।

बस्ती का बाबू रंगेहाथ पकड़ा गयाः

बस्ती में तैनात रहा करोड़पति बाबू घूस लेते गिरफ्तार किया गया था। जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद क्लर्क को पुनः सेवा में ले लिया गया है।

सिद्धार्थनगर का एक बाबू बसपा सरकार में लगाता था दरबारः

शिक्षा विभाग के कुछ बाबू तो काफी रसूख रखते हैं। समय-समय पर वे अपना दबदबा भी दिखाते रहते हैं। सिद्धार्थनगर के एक बाबू की बसपा सरकार में तूती बोलती थी। उसके आवास पर बाकायदा दरबार लगता था। उसके दरबार में आम अवाम ही नहीं बल्कि अफसर तक दरबार लगाते थे।

लखनऊ-नोएडा में फ्लैट, असलों और लग्जरी गाड़ियों के मालिक

कुछ बाबुओं ने न केवल अपने तैनाती और गृह जनपद में बल्कि लखनऊ और नोएडा में भी मकान और फ्लैट खरीद लिए हैं। कुछ ने अपना फ्लैट और मकान किराए पर दे रखा है। कुछ के पास लग्जरी गाड़ियां जो उनकी हैसियत के हिसाब कहीं अधिक सम्पति होने का सुबूत है।

एसटीफ को उपलब्ध कराया 34 शिक्षकों का ब्योरा

देवरिया। फर्जी शिक्षकों की जांच कर रही एसटीएफ को देवरिया बीएसए कार्यालय ने पहले चरण मांगे गये 34 शिक्षकों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। एसटीएफ को इनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों के फर्जी होने का संदेह है। शिक्षकों का ब्यौरा मिलने से एसटीएफ की जांच में तेजी आने की उम्मीद है।

फर्जीवाडे के मास्टर माइंड के बताने पर इसकी जांच कर रही एसटीएफ ने कुछ दिनों पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी से 34 संदिग्ध शिक्षकों शैक्षणिक प्रमाणपत्रों सहित अन्य जानकारी मांगी थी।

संदिग्ध शिक्षकों का ब्योरा मिलने में विलंब होने के चलते एसटीएफ की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी। इसके लिए जांच टीम कई दिन बीएसए कार्यालय भी आयी। कुछ बाबूओं के अवकाश पर चले जाने के चलते अधिकारी उन्हे मांगी गयी जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके। एसटीएफ ने विभाग से कुछ शिक्षकों का ब्योरा मांगा हैं।

 

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