यूपी की मुरादाबाद लोकसभा सीट से टिकट कटने सपा नेता एसटी हसन ने प्रतिक्रिया दी है. हसन ने कहा कि अखिलेश यादव ने मुझे अधिकृत किया था और मुझे नॉमिनेशन करने की बात कही थी. उनके कहे अनुसार मैंने नॉमिनेशन कर भी दिया था लेकिन तभी पता चला एक और मोहतरमा ने नॉमिनेशन फॉर्म भर दिया है. जाहिर है किसी न किसी दबाव में अखिलेश यादव ने मेरा टिकट कैंसिल करने का लेटर दिया और उनको (रुचि वीरा) ऐन मौके पर अधिकृत किया.
जब पूछा गया कि आखिर क्या दबाव रहा कि अखिलेश ने आखिरी समय पर आप टिकट काट दिया? तो इसके जवाब में एसटी हसन ने कहा कि कोई ना कोई दबाव तो होगा ही. मीडिया में भी रिपोर्ट्स हैं. हालांकि, मैं कुछ नहीं कह सकता जब तक कंफर्म ना हो.
क्या टिकट कटने का दुख है? इसके जवाब में हसन कहते हैं कि “टिकट या तो मुझे मिलता ही नहीं, अगर मिला था तो कटता नहीं. मैं भी इंसान हूं. मुझे भी बेइज्जती का एहसास होता है. सिर्फ दिल को यही कह कर बहलाता हूं कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की कोई मजबूरी रही होगी.”
क्या अखिलेश जब आजम खान से जेल मिलने गए उसके बाद ही खेल पलटा? इस सवाल के जवाब में एसटी हसन ने कहा कि मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स हैं और हमें भी इस बात का पता है कि ऐसा हुआ है. अगर ऐसा हुआ है तो आजम खान ने ही मुझे 2019 में टिकट दिलाया था. मैं उनका एहसानमंद हूं. अब अगर उन्होंने टिकट कटवा दिया तो बात बराबर हो गई. अगर पार्टी को नुकसान होगा तो नाराजगी होगी.
“समाजवादी पार्टी का प्रचार इस प्रत्याशी के साथ नहीं करूंगा”
मुरादाबाद से सपा प्रत्याशी रुचि वीरा की मुखालफत करते हुए एसटी हसन ने आगे कहा कि मैं समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता हूं और उसके लिए ही काम करूंगा. लेकिन मेरी मजबूरी है कि मैं मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी का प्रचार इस प्रत्याशी के साथ नहीं करूंगा.
बकौल एसटी हसन- इसकी वजह यह है कि लोगों के अंदर आक्रोश पैदा हो गया है. लोगों ने मेरे लिए रोजे रखे, दुआएं मांगी, प्रार्थनाएं कीं ऐसे में अगर मैं उस प्रत्याशी के साथ खड़ा हो गया तो लोगों के दिल टूट जाएंगे.
टिकट कटने के बाद क्या अखिलेश से बात हुई? इसके जवाब में हसन कहते हैं कि ‘उन्होंने जब टिकट दिया था तो मुझे आश्वासन दिया था कि आप चुनाव लड़ेंगे लेकिन यहां के एक बाहरी नेता हैं उनकी वजह से मुझे टाइम से वह चीज नहीं मिल पाई. 3:02 बजे पर पत्र (नॉमिनेशन फॉर्म) मिला तब तक समय खत्म हो चुका था.
एसटी हसन ने कहा कि नॉमिनेशन फॉर्म आया था लेकिन उसे हाईजैक कर लिया गया. हसन के मुताबिक, “बी फॉर्म यहां के एक बाहरी नेता ने हाईजैक कर लिया था. लखनऊ से आए हमारे नेताओं को भी. इस तरह टाइम निकलवा दिया. जब फॉर्म मुझे मिला तो वो बेकार हो चुका था. समय खत्म हो गया था.”
बकौल एसटी हसन- मैं लोगों से जज्बाती तौर पर जुड़ा हूं. मेरे साथ हिंदू-मुसलमान सब हैं. मैं कभी अपने दुश्मन को भी नहीं मना करता. बीजेपी के लोगों का भी काम करता हूं.
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