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NRC पर चुनाव आयोग ने भी कसी कमर, 40 लाख लोगों का होगा ‘हिसाब’

नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के ड्राफ्ट के तहत आये चालीस लाख लोगों का 2019 के लोकसभा चुनाव पर कोई असर नहीं होगा. देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत इस बारे में खासे निश्चिंत दिखते हैं.

उनका तर्क है कि अव्वल तो सारे लोग वोटर की शर्तें पूरी नहीं करते हैं. सारे 18 साल से ऊपर की आयु के नहीं होंगे. हजारों तो बच्चे भी होंगे. जो लोग वोटर होने की शर्तें पूरी करते हैं उनकी पहचान कर और नागरिकता के दस्तावेजों से संतुष्ट होने के बाद उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करने के निर्देश असम के मुख्य चुनाव अधिकारी को दे दिये गये हैं.

सीईसी रावत ने कहा कि चार जनवरी 2019 को मतदाता सूची का प्रकाशन होना है. हमारे पास काफी वक्त है. हमने मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के स्टेट कोऑर्डिनेटर से संपर्क करते रहें. हमने असम के सीईओ से एनआरसी से तालमेल कर हफ्ते भर में रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट में सीईओ तमाम आंकड़े देंगे कि 40 लाख लोगों में कितने बच्चे हैं. कितने नये वोटर की उम्र के हैं जो अभी-अभी 18 साल की दहलीज पार कर चुके हैं औऱ कितने अधेड़ या बुजुर्ग हैं. महिलाओं और पुरुषों का भी डाटा हमने तलब किया है. यानी एक कंप्लीट डाटा हमारे पास होगा. यानी समय रहते हमारे आगे तस्वीर साफ हो जाएगी.

उनके महकमे के लोग जैसे-जैसे उन चालीस लाख लोगों की नागरिकता के दावों की पुष्टि करते जाएंगे लगे हाथ चुनाव आयोग अपनी तरफ से वेरिफिकेशन कर उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करता जाएगा. रावत ने ये भी कहा कि फर्ज कीजिये कहीं 4 जनवरी 2019 से तक एनआरसी अपना डाटा कलेक्शन कंप्लीट नहीं कर पाया तो हमारी टीम अपने सिस्टम से पूरा डाटा तैयार कर लेगी. जितने लोगों ने अपने दस्तावेज और अर्जी हमारे ERO यानी इलेक्टोरल रोल ऑफिसर के दफ्तर में जमा करा देंगे तो उनकी तसदीक के बाद हम उनको वोटर लिस्ट में दर्ज कर लेंगे. आखिर हमारा नारा और सूत्र वाक्य भी है कि कोई वोटर छूटने ना पाये. मतदाता सूची बनाने में भी और वोट देने में भी.

आजतक से खास बातचीत में रावत ने ये भी कहा कि कायदे से हम एनआरसी से बंधे नहीं हैं. हां, हम उनके डाटा से अपने डाटा का मिलान करेंगे. इससे वेरिफिकेशन में हमें अतिरिक्त आसानी होगी. इसके बाद भी मुमकिन है कि कई लोग ऐसे मिल जाएंगे जिनका नाम एनआरसी में नहीं होगा. लेकिन वोटर लिस्ट में होगा. ऐसे भी कई लोग होंगे जो एनआरसी में होंगे लेकिन उनके वोट नहीं बने होंगे. क्योंकि हमारी टीम उनके दावों से संतुष्ट नहीं होगी. या फिर वो वोटर बनाये जाने की तीन अहम शर्तों को पूरा नहीं करते हों. ये तीन शर्तें हैं कि वो देश का नागरिक हो. उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो. वो सजायाफ्ता, पागल या दिवालिया ना हो.

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