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मुजफ्फरपुर बालिका गृह केस में महागठबंधन में दो फाड़, कांग्रेस-आरजेडी आमने-सामने

नई दिल्ली/पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृह काण्ड में नीतीश कुमार के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन में बिखराव हो गया है. कांग्रेस के विधायक पूरे मसले पर केवल मंत्री मंजू वर्मा का इस्तीफा मांग रहे हैं. जबकि आरजेडी ने नीतीश कुमार से नैतिकता का हवाले देते हुए इस्तीफा मांगा है . इतना ही नहीं नीतीश कुमार के इस्तीफा के मसले पर आरजेडी में भी दो फाड़ नजर आने लगी है. नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर अब महागठबंधन में ही ठनती नजर आ रही है.

आरजेडी नेता पूर्व मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर ने कहा है कि गैसल रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश कुमार ने केन्द्र की वाजपेयी सरकार में इस्तीफा दे दिया था. बिहार में सरकार के नाक के नीचे 34 बच्चियों के साथ हुए बलात्कार की भी नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए. आरजेडी इस मांग को लेकर लगातार नीतीश कुमार पर दवाब बना रही है.

लेकिन मामले में नया मोड़ ये आ गया है कि कांग्रेस के नेता ऐसा नहीं चाहते. कांग्रेस विधायक शकील अहम खान ने नीतीश कुमार के इस्तीफे पर अपनी अलग ही राय दी है. शकील अहमद खान ने कहा है कि अभी नीतीश कुमार के इस्तीफे का वक्त नहीं आया है. नीतीश कुमार को पहले मंत्री मंजू वर्मा का इस्तीफा लेना चाहिए.

मामला यहीं नहीं ठहरता. नीतीश कुमार के इस्तीफे के मुद्दे पर आरजेडी में भी दो फाड़ दिखने लगी है. मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट विधानसभा क्षेत्र के आरजेडी विधायक महेश्वर यादव ने भी नीतीश कुमार का समर्थन कर दिया है. महेश्वर यादव ने कहा है कि मुजफ्फरपुर मामले में नीतीश कुमार का कोई दोष नहीं है. बल्कि सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए अच्छा काम कर रही थी. लेकिन विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग ने पूरे मामले को कमजोर कर दिया है. महेश्वर यादव ने मुजफ्फरपुर के नवरुणा हत्याकांड में सीबीआई जांच के हस्र का हवाला भी दिया है. जिसमें कांड के 4 अभियुक्तों को सीबीआई की ओर से चार्जशीट नहीं दाखिल कर पाने की वजह से जमानत मिल गयी.

बालिका गृह मामले पर पहले सीबीआई जांच की मांग, उसके बाद जांच की मोनिटरिंग हाईकोर्ट से कराये जाने के मुद्दे पर विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश जरुर की. लेकिन दोनों मांगों को मान लेने के बाद मुद्दा विहीन आरजेडी अब नीतीश कुमार के इस्तीफे पर दांव खेलना चाहती है. लेकिन जिसतरह से पार्टी को अपनों का ही साथ नहीं मिल रहा इसबात में कोई दो राय नहीं कि ये दांव मुख्य विपक्षी पार्टी पर ही कहीं भारी न पर जाय.

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