नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियां अपने-अपने हिसाब से गोटियां फिट करने में जुटी हुई हैं. हाल ही में पत्रकारों से अनौपचारिक मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और कांग्रेस के बीच महगठबंधन बीजेपी से मिलकर चुनाव लड़ेगा. लेकिन कांग्रेस ने दावा किया था कि महागठबंधन बनने के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 5 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी. आखिर कांग्रेस के इस दावे की हकीकत क्या है.
दरअसल, गोरखपुर, फूलपुर, कैराना लोकसभा उपचुनावों में विपक्ष ने संयुक्त उम्मीदवार उतारकर बीजेपी को शिकस्त दी थी. यहीं से विपक्षी दलों को बीजेपी को हराने का फॉर्मूला मिल गया. गोरखपुर और फूलपुर सीट में बीजेपी अति आत्मविश्वास में रही लेकिन कैराना में योगी समेत दिग्गज बीजेपी नेताओं ने जमकर प्रचार किया था लेकिन फिर भी बीजेपी को जीत नहीं मिली. विपक्षी पार्टियों का मानना है कि अगर मतों का विभाजन नहीं होगा तो बीजेपी को हराना आसान है. 2019 में भी कांग्रेस-सपा-बसपा-रालोद इस फॉर्मूले के जरिये अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहते हैं.
बीजेपी को हो सकता है भारी नुकसान
इतना तो तय है कि संयुक्त विपक्ष के सामने आने से बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश में लड़ाई आसान नहीं होगी. खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह स्वीकार कर चुके हैं कि सपा-बसपा के एकसाथ आने से थोड़ मुश्किल होगी. 2014 के चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 73 सीटें जीती थीं. इनमें 71 बीजेपी ने, 2 अपना दल के खाते में गई थीं. सपा ने 5 और कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी. बसपा का खाता भी नहीं खुला था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी को कम से कम 50 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
विश्लेषकों के मुताबिक, अगर आंकड़े 2014 के लोकसभा के मुताबिक रहे तो सपा-बसपा-कांग्रेस के गठबंधन के बाद भी बीजेपी को 37 सीटों पर जीत मिल सकती है. गठबंधन को 41 सीटें मिल सकती हैं. यदि ऐसा हुआ तो बीजेपी को 2014 के मुकाबले 34 सीटों का नुकसान होगा. अगर आंकड़े 2017 के विधानसभा चुनाव के अनुसार रहे तो सपा-बसपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट प्रतिशत के लिहाज से 57 सीटों पर जीत मिल सकती है. बीजेपी को महज 23 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. ऐसे में बीजेपी को 48 सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है.
कांग्रेस का दावा कितना सच है
कांग्रेस का यह दावा कि बीजेपी 2019 के चुनाव में महागठबंधन के आगे सिर्फ 5 सीटों पर सिमट जाएगी, हवा-हवाई ही लग रहा है. यह भी नहीं भूला जा सकता है बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान खुद पीएम मोदी संभालेंगे जो किसी भी वक्त वोटरों के मिजाज को बदलकर सभी पूर्वानुमानों और आंकड़ों को ध्वस्त कर सकते हैं.